UP PoLice News :: प्रदेश पुलिस को मिले 320 सहायक उप निरीक्षक , ट्रेनिंग पूरी , पढ़े पूरी खबर


 यूपी पुलिस को 320 सहायक उपनिरीक्षक (लेखा) मंगलवार को मिल गए। छह महीने के प्रशिक्षण के बाद दीक्षांत समारोह के दौरान नए एएसआई ने अपनी प्रतिभा और अनुशासन का प्रदर्शन किया। पुलिस लाइन और चतुर्थ वाहिनी पीएसी में आयोजित दीक्षांत परेड में विभागीय परीक्षा के टॉपरों को मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ट्रेनिंग देने वाले भी सम्मानित किए गए।


पुलिस लाइन में 134 सहायक उपनिरीक्षकों की ट्रेनिंग चल रही थी जिसमें 64 महिला कर्मी भी रहीं। मंगलवार को पुलिस लाइन में महिला कमांडर ने परेड की कमान संभाली और बेहतरीन कदमताल का प्रदर्शन किया। वहीं चतुर्थ वाहिनी पीएसी धूमनगंज में 187 सहायक उप निरीक्षक (लेखा) का प्रशिक्षण चल रहा था जिसमें एक एएसआई किसी कारण से दीक्षांत समारोह में शामिल नहीं हुआ। 186 ट्रेनी सहायक उप निरीक्षक (लेखा) ने उत्साह के साथ दीक्षांत परेड एवं शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया। मुख्य अतिथि माघ मेला व पीएसी के डीआईजी डॉ. राजीव नारायण मिश्र ने सलामी ली।


परेड के बाद जमकर | प्रशिक्षुओं ने किया डांस

प्रयागराज। पुलिस लाइन में आयोजित दीक्षांत समारोह में महिला सशक्तीकरण का जलवा रहा। महिला प्रशिक्षुओं ने हर मोर्चे पर बाजी मारी। परेड की कमान संभाली और परीक्षा में प्रथम रैंक से लेकर तीसरी रैंक तक कब्जा किया। परेड की समाप्ति के बाद पुलिस बैंड पर पुलिस लाइन में जमकर डांस किया। अपने परिजनों के साथ महिला दरोगाओं ने ऐसा धमाल मचाया कि उनके परिजन भी खुशी से झूम उठे।


एमबीए कर चुकी हैं टॉपर विधि निषाद 

कानपुर की विधि निषाद ने परेड में टॉप किया है। मथुरा निवासी विधि ने बताया कि उन्होंने बीकॉम के बाद एमबीए किया। पुलिस परिवार से वह पहले से जुड़ी हैं। उनके दादा और चाचा भी पुलिस विभाग में सेवा दे चुके हैं। उनके पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं। वहीं दूसरी रैंक पाने वाली आकांक्षा चौरसिया बलिया की रहने वाली हैं। उनके गांव में पहली बार कोई महिला दरोगा बनी है। आकांक्षा ने बताया कि वह अपने मां-बाप की इकलौती बेटी हैं। इसी तरह तीसरी रैंक सोनाक्षी सिंह को मिली है।


कहीं जज का भाई तो कहीं फौजी का भाई बना दरोगा

 चतुर्थ वाहिनी पीएसी में ट्रेनिंग करने वाले 186 सहायक उपनिरीक्षक प्रदेश के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं। काफी मेहनत के बाद अब वे यूपी पुलिस का हिस्सा बने हैं और वर्दी पहनने का सपना पूरा हुआ। दीक्षांत समारोह के बाद उनके परिजनों ने गले से लगाकर बधाई दी। इस भावुक पल को कैमरे में कैद करने में लगे रहे।


छह महीने में अन्तः और वाह्य कक्षीय प्रशिक्षण के साथ साथ फायर सर्विस, प्राथमिक उपचार एवं लेखा संबंधी महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण

दिया गया। इस परेड के टॉपर रहे भटनी, देवरिया निवासी विक्रम प्रताप यादव ने काफी संघर्ष किया है। गोरखपुर विश्वविद्यालय से एमकॉम की पढ़ाई के बाद वायुसेना में भर्ती के लिए विक्रम लगे थे लेकिन सफलता नहीं मिली। दिल्ली पुलिस में दौड़ में बाहर हो गए। विक्रम के बड़े भाई वीरेंद्र प्रताप सेना में हैं। बड़े भाई से हिम्मत मिली और आखिर में यूपी पुलिस के अंग बने ।

इसी तरह दूसरे टॉपर रायबरेली निवासी उत्कर्ष आनंद का सपना था कि वह यूपी पुलिस में नौकरी करें। उत्कर्ष ने बताया कि उनके बड़े भाई सौरभ आनंद आगरा में जज हैं। इससे पूर्व परेड में प्रथम परेड कमांडर गुलाब सिंह मलिक, द्वितीय परेड कमांडर जसपाल सिंह एवं तृतीय परेड कमांडर अमित मिश्रा के नेतृत्व में आयोजित परेड का मान-प्रणाम ग्रहण किया गया।

Post a Comment

Previous Post Next Post