कौन करेगा 5500 राजस्व लेखपालों की भर्ती , राजस्व परिषद चाहती है भर्ती को खुद आयोजित कराना ,शासन के अधिकारी चाहते है अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के द्वारा भर्ती कराना , अब मुख्यमंत्री करेंगे फैसला , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

कौन करेगा 5500 राजस्व लेखपालों की भर्ती , राजस्व परिषद चाहती है भर्ती को खुद आयोजित कराना  ,शासन के अधिकारी चाहते है अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के द्वारा भर्ती कराना  , अब मुख्यमंत्री करेंगे फैसला , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार रिक्त पदों पर भर्तियों पर जोर दे रहे हैं, लेकिन राजस्व लेखपाल के रिक्त पदों की भर्तियां कौन कराए, यह तय नहीं हो पा रहा है। अब मुख्यमंत्री के स्तर से इसका फैसला कराने की तैयारी है।
राजस्व विभाग में लेखपालों के करीब 5500 पद खाली हैं। पूर्व से लेखपालों की भर्ती राजस्व परिषद के निर्देशन में जिलों के कलेक्टर कराते रहे हैं। इसलिए राजस्व परिषद के अधिकारी चाहते हैं कि वर्तमान में रिक्त पदों पर भी परिषद के स्तर से ही भर्ती कराई जाए।

इनका यह तर्क भी है कि लेखपाल भर्ती से इंटरव्यू खत्म हो चुका है। ऐसे में केवल लिखित परीक्षा करवाकर तेजी से रिक्त पदों को भरा जा सकेगा। यदि आयोग से भर्ती कराई जाएगी तो वहां अन्य भर्तियों में व्यस्तता की वजह से पदों को भरने में अधिक  समय लग सकता है। दूसरी ओर शासन के अफसरों का तर्क है कि राजस्व लेखपाल का पद समूह ‘ग’ का है और समूह ‘ग’ की भर्तियों के लिए सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन कर दिया है। ऐसे में आयोग से ही लेखपाल भर्ती कराई जानी चाहिए।

आयोग से प्राथमिकता पर भर्ती कराने का आग्रह किया जा सकता है। पद विशेष की भर्ती आयोग से बाहर किए जाने से अच्छा संदेश नहीं जाएगा। परिषद और अफसरों के इसी खींचतान की वजह से लेखपाल भर्ती से जुड़ी कार्यवाही ठप पड़ी है।

कोई आगे कदम बढ़ाने का नाम नहीं ले रहा। परिषद के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री राजस्व विभाग के मंत्री भी हैं। शासन को मुख्यमंत्री के स्तर से इस संबंध में निर्णय कराना है।


प्रमुख सचिव आयोग से भर्ती कराने का कर चुके हैं निर्णय

राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि लेखपालों के रिक्त पदों पर भर्ती का मामला विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव सुरेश चंद्र के सामने आया था। उन्होंने 7 फरवरी को शासन स्तर पर राजस्व विभाग के प्रमुख अधिकारियों की बैठक में इस प्रकरण पर भी चर्चा की थी।

उस समय लेखपालों के 4000 पद खाली थे। बैठक में प्रमुख सचिव ने निर्णय किया था कि लेखपालों की भर्ती के संबंध में अध्यक्ष राजस्व परिषद को पत्र भेजा जाए और भर्ती की कार्यवाही अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से कराने की कार्यवाही की जाए। 
मगर, तीन महीने बाद भी भर्ती से जुड़ी कार्यवाही अटकी हुई है। इस बीच बड़ी संख्या में लेखपाल, राजस्व निरीक्षक  के पदों पर पदोन्नत हो चुके हैं। रिक्त पदों की संख्या करीब 5500 पहुंच गई है।




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