उ0प्र0 पुलिस में पुलिसकर्मियों
की कमी दूर करने के लिए भर्तियां शुरू
कानून-व्यवस्था
को दुरुस्त करने में जुटी पुलिस को सिपाहियों व दरोगाओं की कमी से जूझना पड़ रहा
है।
पुलिस
भर्ती बोर्ड ने जहां भर्तियों का सिलसिला तेज कर दिया है, वहीं
प्रमोशन के साथ ही आनलाइन परीक्षा
पर जोर है, ताकि पारदर्शिता से भर्तियां जल्द पूरी
हो सकें।
प्रदेश
में वैसे तो पुलिस कर्मियों की दशकों से कमी है। हैरत तो यह कि वर्ष 2008 से
पहले सिपाहियों-दरोगाओं की प्रदेश में भर्ती की कोई नियमावली ही नहीं थी।
वर्ष 2008 में
1.50 लाख सिपाहियों की भर्ती शुरू हुई लेकिन दस साल में
सिर्फ दो बार पहले करीब 35 हजार और फिर सपा सरकार में 40610
सिपाहियों की भर्तियां हो सकीं।
यहां
तक की सात साल हो गए हैं और 4010 सब-इंस्पेक्टरों की भर्ती कानूनी
दांवपेच में फंसी है।
भाजपा
सरकार ने अब नए सिरे से भर्तियों व प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू की है।
नई
नियमावली बनाई जा रही है ताकि बिना परीक्षा के हाईकोर्ट द्वारा रोक दी गई 33,000 सिपाहियों की भर्ती फिर से जल्द शुरू हो सके।
भर्ती
बोर्ड के डीजी डॉ. सूर्य कुमार कहते हैं कि पारदर्शिता व फर्जीवाड़ा कम करने को
आनलाइन परीक्षा शुरू की है। नए सिरे से 3367 दरोगाओं की भर्ती के लिए
आनलाइन परीक्षा 17 से 31 जुलाई तक 59
जिलों में 15 हजार कंप्यूटरों के जरिए कराई
जाएगी।
ये
भर्तियां होंगी -
- फायरमैन 1478
- बंदीरक्षक (जेल) 1759
- महिला बंदीरक्षक 552
- क्लर्क 609
- स्टेनो 151
- कंप्यूटर आपरेटर (बैगलाग) 430
- फायरमैन 124
- सिपाही से हवलदार 5000
- प्लाटून कमांडर 97