वन विभाग के दैनिक और मस्टररोल कर्मियों को प्रतिमाह मिलेंगे 18 हजार

वन विभाग के दैनिक और मस्टररोल कर्मियों को प्रतिमाह मिलेंगे 18 हजार



 

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अजित कुमार ने प्रदेश सरकार के वित्त विभाग व वन विभाग के अपर मुख्य सचिवों के रवैये को अदालत की आपराधिक अवमानना करार दिया है।

गोरखपुर के विजय कुमार श्रीवास्तव की याचिका पर उन्होंने दोनों विभागों के अपर मुख्य सचिवों को वन विभाग में कार्यरत छठे वेतन आयोग का लाभ पाने वाले सभी दैनिक और मस्टर रोल कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत 18,000 रुपये न्यूनतम वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जाता तो दोनों अधिकारी हाजिर होकर इसका कारण बताएं कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना आरोप निर्मित कर कार्रवाई की जाए।

याचिका पर अगली सुनवाई चार दिसंबर को होगी। राज्य सरकार ने पहले हलफनामा दाखिल कर कहा था कि छठे वेतन आयोग के तहत 7,000 रुपये वेतन पा रहे सभी दैनिक कर्मियों को नियमित होने तक सातवें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये का भुगतान करने पर नीतिगत सहमति है।

हाईकोर्ट ने सरकार को दिया न्यूनतम वेतन देने का निर्देश

सरकार का वादे से मुकरना कोर्ट की अवमानना

इलाहाबाद कोर्ट ने कहा कि छठे वेतन आयोग का लाभ देकर सातवें वेतन आयोग का लाभ देने से इन्कार करने का सरकार को अधिकार नहीं है। अब अपने वायदे से मुकरना और कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना स्पष्ट अवमानना है।

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