लखनऊ। समाज कल्याण विभाग में कोई भी योजना ऑफलाइन नहीं रहेगी। आवेदन से
लेकर भुगतान तक सब कुछ ऑनलाइन होगा। किसी भी योजना में विभिन्न विभागों की
रिपोर्ट मैनुअली (किसी कार्मिक द्वारा) लगाने की व्यवस्था खत्म होगी। इसके
लिए समाज कल्याण निदेशालय जरूरी तैयारियों में जुटा हुआ है।
समाज
कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति एवं शुल्क भरपाई योजना व वृद्धावस्था पेंशन
योजना पूरी तरह ऑनलाइन हो चुकी है। इसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं। इन
योजनाओं में और सुधार के साथ-साथ पारिवारिक कल्याण लाभ योजना, अनुसूचित
जाति व जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, आश्रम पद्धति विद्यालय,
मुख्यमंत्री शादी अनुदान योजना और वृद्धाश्रम योजना को भी ऑनलाइन करने की
दिशा में काम शुरू हो चुका है। सभी योजना अधिकारियों से इस बारे में
विस्तार से प्रस्ताव मांगे गए हैं।
इसमें
एनआईसी की भी मदद ली जा रही है। पारिवारिक कल्याण लाभ योजना में पिछले
दिनों एक के बाद एक कई घोटाले सामने आए थे। इस योजना में परिवार के कमाऊ
मुखिया का निधन होने पर एकमुश्त 30 हजार रुपये मदद दी जाती है। तय हुआ है
कि इस योजना में आय व आयु प्रमाणपत्र ऑनलाइन ही चेक होगा। आय प्रमाणपत्र
राजस्व विभाग की वेबसाइट से और आयु प्रमाणपत्र केंद्र सरकार के संबंधित
पोर्टल से सत्यापित कराया जाएगा। इसी तरह अत्याचार निरोधक अधिनियम में भी
सभी दस्तावेज का सत्यापन ऑनलाइन कराया जाएगा। खास बात यह है कि इन सभी
योजनाओं में लाभार्थियों को भुगतान आधार सीडेड खाते में ही किया जाएगा।
मुख्यमंत्री
शादी अनुदान योजना में कोई दोबारा लाभ न ले सके, इसकी पुख्ता व्यवस्था
होगी। वृद्धाश्रमों में रहने वाले वृद्धों के लिए भी फोटो पहचान वाली
बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था होगी। इसके लिए एक पोर्टल विकसित किया
जाएगा, जिस पर बुजुर्गों के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध होगी। समाज
कल्याण निदेशक पवन कुमार ने योजनाओं को ऑनलाइन करने के लिए प्रजेंटेशन
तैयार करने को कहा है। उन्होंने बताया कि अगले वित्त वर्ष से योजनाओं में
आवेदन आसान होगा और गड़बड़ियों की गुंजाइश भी न के बराबर होगी।
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