तीन दशक के बाद प्रदेश में होगी SDM के 100 से अधिक पदों पर भर्ती , इसी माह पीसीएस - 2018 का विज्ञापन जारी करने की तैयारी में यूपी लोक सेवा आयोग , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

तीन दशक के बाद प्रदेश में होगी SDM के 100 से अधिक पदों पर भर्ती , इसी माह पीसीएस - 2018 का विज्ञापन जारी करने की तैयारी में यूपी लोक सेवा आयोग , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 



उत्तर प्रदेश में तीन दशक बाद ऐसा होगा, जब एसडीएम के सौ से अधिक पदों पर एक साथ चयन होगा। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) जून में पीसीएस-2018 का विज्ञापन जारी करने की तैयारी में है। इसके लिए आयोग में काम तेजी से चल रहा है। विज्ञापन के साथ ही आयोग पीसीएस मुख्य परीक्षा का नया पाठ्यक्रम भी जारी करेगा। अब पीसीएसी मुख्य परीक्षा आईएएस की तर्ज पर आयोजित की जाएगी।

पीसीएस-2017 की मुख्य परीक्षा 18 जून से शुरू होने जा रही है। इसमें कुल 677 पदों में से एसडीएम के केवल 22 पद हैं, जबकि नायब तहसीलदार के 114 पद हैं। वहीं, पीसीएस-2018 के लिए आयोग को विभिन्न प्रकार के पदों का जो अधियाचन मिला है, उनमें एसडीएम के 119 पद हैं। आयोग के सूत्रों का कहना है कि तीन दशक बाद एसडीएम के इतने अधिक पदों पर एक साथ भर्ती होने जा रही है। इस बार प्रतियोगियों के पास बहुत अच्छा अवसर है। आयोग को पीसीएस-2018 के लिए विभिन्न प्रकार के तकरीबन सात सौ पदों का अधियाचन मिल चुका है। हालांकि, पीसीएस-2018 में प्रतिस्पर्धा काफी कठिन होने जा रही है, क्योंकि मुख्य परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा की तर्ज पर आयोजित की जाएगी। आयोग के सचिव जगदीश ने बताया कि पीसीएस-2018 का विज्ञापन इस माह यानी जून में ही जारी किए जाने की तैयारी है।


इस परीक्षा में कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। साक्षात्कार अब 200 के बजाय 100 अंकों का होगा। ऐसे में लिखित परीक्षा का महत्व और बढ़ जाएगा। लिखित परीक्षा भी नए पैटर्न पर होगाी। वर्तमान में मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के 200-200 अंकों के दो प्रश्न पत्र आते हैं। संशोधित पाठ्यक्रम में दो की जगह 200-200 अंकों के चार प्रश्न पत्र होंगे। सामान्य अध्ययन के कुल 800 अंक के पेपर होंगे। वर्तमान में सामान्य अध्ययन के दोनों प्रश्न पत्र बहुविकल्पीय होते हैं, लेकिन पीसीएस-2018 में चारों प्रश्न पत्र दीर्घ उत्तरी प्रकार के होंगे। ऐसे में अभ्यर्थियों को अब और अधिक गंभीरता के साथ तैयारी करनी होगी। 150-150 नंबर के सामान्य हिंदी एवं निबंध के पेपर पहले की तरह ही होगे। नई व्यवस्था में वैकल्पिक विषय के कुल 400 अंक रह जाएंगे जबकि अभी कुल 800 अंक के दो वैकल्पिक विषय होते हैं। वैकल्पिक विषयों में चिकित्सा विज्ञान को भी शामिल किया जाएगा।

आयोग ने जुलाई से दिसंबर तक परीक्षाओं का अर्धवार्षिक कैलेंडर तो जारी किया था लेकिन उसमें पीसीएस-जे परीक्षा को शामिल नहीं किया था। आयोग को अब पीसीएस-जे के 333 पदों का अधिचायन मिल चुका है। सचिव का कहना है कि पीसीएस-2018 का विज्ञापन जारी करने के बाद आयोग पीसीएस-जे का विज्ञापन जारी करेगा।

आयोग ने अपने अर्धवार्षिक कैलेंडर सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) परीक्षा को भी शामिल नहीं किया है। आयोग को अब तक एपीओ के महज 15 पदों का अधियाचन ही मिला है। आयोग अन्य पदों के अधियाचन का इंतजार कर रहा है। पदों की संख्या बढ़ने पर एपीओ परीक्षा का विज्ञापन भी जारी किया जाएगा।

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