यूपी लोक सेवा आयोग भर्तियों में फर्जीवाड़े की जाँच कर रही सीबीआई कर सकती है शुक्रवार को रिटायर हुए तीन सदस्यों से सीधे पूछताछ , पीसीएस - 2015 में हुई गड़बड़ी के मामले में जाँच तेज होने के आसार , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के तीन सदस्य शुक्रवार को रिटायर हो गए। छह साल की सेवा पूरी करने के बाद शुक्रवार दोपहर उन्हें आयोग से कार्यमुक्त कर दिया गया। उनके रिटायरमेंट के साथ ही सीबीआई की ओर से उनसे सीधे पूछताछ किए जाने की संभावना बढ़ गई है। आयोग के चार अन्य सदस्य भी अक्तूबर तक रिटायर हो जाएंगे। इस तरह साल भर में कुल सात सदस्य रिटायर होंगे। उनकी जगह नई नियुक्ति के लिए शासन स्तर पर प्रक्रिया चल रही है।
आयोग के तीन सदस्यों डॉ. सुनील कुमार जैन, फरमान अली और मेजर संजय यादव का छह वर्षों का कार्यकाल 15 जून को पूरा हो गया। सचिव जगदीश ने बताया कि तीनों सदस्य शुक्रवार अपराह्न आयोग से कार्यमुक्त हो गए हैं। उधर, सूत्रों का कहना है कि इनमें से एक सदस्य डॉ. सुनील कुमार जैन कुछ दिनों के लिए आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष भी रहे। उनके कार्यवाहक अध्यक्ष रहते हुए ही पीसीएस-2015 का परिणाम घोषित किया गया था, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है और जांच में सीबीआई को पीसीएस-2015 में ढेरों गड़बड़ियां मिली हैं। सीबीआई आयोग के वर्तमान सदस्यों को पूछताछ के लिए नहीं बुला सकती है लेकिन शुक्रवार को तीन सदस्यों के रिटायर होने के बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि सीबीआई उनसे बतौर पूर्व सदस्य पूछताछ कर सकती है। पीसीएस-2015 के मामले में सीबीआई अब तक आयोग के पूर्व एवं वर्तमान अफसरों के साथ पीसीएस-2015 के सभी संदिग्ध चयनित अफसरों से भी पूछताछ कर चुकी है।
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