इलाहबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश भर के राजकीय कालेजों में शिक्षकों के तबादले पर लगायी रोक , प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा से इस मामले में दस दिन में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का दिया निर्देश , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

इलाहबाद हाई  कोर्ट ने प्रदेश भर के राजकीय कालेजों में शिक्षकों के तबादले पर लगायी रोक ,  प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा से इस मामले में दस दिन में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का दिया निर्देश , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर  




हाईकोर्ट ने प्रदेश भर के राजकीय कालेजों में शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा दी है। साथ ही प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा से इस मामले में दस दिन में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। विनोद कुमार व नौ अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार कुमार मिश्र ने सुनवाई की।

याची का कहना था कि विभाग ने जून 2017 में अतिरिक्त अध्यापकों की एक सूची जारी की वह शिक्षा का अनिवार्य कानून 2009 के प्रावधानों के विपरीत है। इसके आधार पर अध्यापकों के स्थानांतरण शुरू किए गए, जिसे लखनऊ खंडपीठ में चुनौती दी गई थी। लखनऊ खंडपीठ में राज्य सरकार ने अंडर टेकिंग दी थी कि वह आरटीआइ एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्य करेगी।

 याचीगण का कहना है कि सरकार ने कोर्ट में दी गई अंडर टेकिंग के बावजूद शिक्षकों का नए सिरे से अब स्थानांतरण किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने सरकारी वकील से जानकारी मांगी थी। उपलब्ध कराई गई जानकारी से पता चला कि याचीगण की शिकायत सही है। कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि सरकार 2017 की अतिरिक्त शिक्षकों की सूची के आधार पर स्थानांतरण प्रक्रिया फिर से कैसे शुरू कर सकती है, जबकि उसने खुद कोर्ट में वादा किया था कि वह अतिरिक्त शिक्षकों की सूची के आधार पर स्थानांतरण नहीं करेगी। कोर्ट ने 24 मई तक प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। वहीं, याचीगण को अपने पूर्व के पद पर काम करते रहने की छूट दी है।

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