यूपी लोक सेवा आयोग भर्तियों की जाँच कर रही सीबीआई भर्तियों की चयन प्रक्रियाओ में गड़बड़ी के पुख्ता साक्ष्य जुटाकर ही बढ़ाएगी गिरफ्तारी के लिए हाथ , सीबीआइ अफसरों की बड़ी फौज लगातार पांचवें दिन जुटी रही आयोग के विभिन्न अनुभागों व पटलों की छानबीन करने में , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

यूपी लोक सेवा आयोग भर्तियों की जाँच कर रही सीबीआई भर्तियों की चयन प्रक्रियाओ में गड़बड़ी के पुख्ता साक्ष्य जुटाकर ही बढ़ाएगी गिरफ्तारी के लिए हाथ , सीबीआइ अफसरों की बड़ी फौज लगातार पांचवें दिन जुटी रही आयोग के विभिन्न अनुभागों व पटलों की छानबीन करने में , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर  




सीबीआइ ने जिस तरह चार माह लंबी शुरुआती जांच के बाद पहली एफआइआर दर्ज की, उसी तर्ज पर चयन में गड़बड़ी के पुख्ता साक्ष्य जुटाकर गिरफ्तारी के लिए हाथ बढ़ाएगी। यही वजह है कि सीबीआइ अफसरों की बड़ी फौज लगातार पांचवें दिन आयोग के विभिन्न अनुभागों व पटलों की छानबीन करने में जुटी है। इस दौरान उत्तर पुस्तिकाओं से लेकर अन्य जो भी साक्ष्य मिल रहे हैं, उन्हें लगातार सील किया जा रहा है। 

आयोग की पांच साल की भर्तियां खंगाल रही सीबीआइ चरणबद्ध तरीके से कदम बढ़ा रही है। नोटीफिकेशन के बाद लखनऊ में पीआइ प्राथमिक जांच दर्ज करने के बाद इलाहाबाद की ओर रुख किया था। चार महीनों में आयोग व अभ्यर्थियों से मिलकर भर्तियों का कच्चा चिट्ठा जाना। इसमें पीसीएस 2015 व तीन अन्य भर्तियों में गड़बड़ी के साक्ष्य मिलने पर पहली एफआइआर हुई। बीते मंगलवार से सीबीआइ अफसरों की तमाम टीमें आयोग में डेरा जमाए हैं और एक साथ विभिन्न अनुभागों की छानबीन तेजी से शुरू हुई है। सूत्रों की मानें तो आयोग के परीक्षा व गोपन विभाग के कंप्यूटर पहले ही स्कैन हो चुके हैं, अब उत्तर पुस्तिकाएं व अन्य साक्ष्यों को सील करने की प्रक्रिया चल रही है। यह रिकॉर्ड कोर्ट में सीबीआइ के हथियार बनेंगे। 

आयोग की भर्तियों में विज्ञापन के पद बदलने के आरोप लग चुके हैं, हालांकि आयोग यह दलील देता रहा कि आरक्षण बदलने में उसका कोई रोल नहीं है, शासन से जो अधियाचन मिलते हैं, विज्ञापन उसी के आधार पर प्रकाशित होते हैं। आरोपों की जांच के लिए शनिवार को सीबीआइ टीम ने विज्ञापन अनुभाग में दिन भर रिकॉर्ड खंगाले हैं। करीब पांच दर्जन अफसरों की टीम अभी सभी रिकॉर्ड खंगाल नहीं सकी है, ऐसे में रविवार को भी आयोग में यह प्रक्रिया जारी रहेगी। सूत्रों की जांच रिकॉर्ड जांचने के बाद ही पीसीएस 2015 के अफसरों से पूछताछ की प्रक्रिया नए सिरे से होगी। उस समय अभिलेख, आयोग के अफसर व चयनित सभी आमने-सामने होंगे। उस दौरान ही जांच अंतिम निष्कर्ष के करीब होगी।

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