लोक सभा चुनाव 2019 से पहले प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को मिलेगा प्रदेश सरकार की तरफ से तोहफा , राज्यकर्मियों को सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) उम्र सीमा दो साल बढ़ा सकती है सरकार , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

लोक सभा चुनाव 2019 से पहले प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को मिलेगा प्रदेश सरकार की तरफ से तोहफा ,  राज्यकर्मियों को सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) उम्र सीमा दो साल बढ़ा सकती है सरकार , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 




आम चुनाव 2019 से पहले प्रदेश सरकार राज्यकर्मियों को सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) उम्र सीमा दो साल बढ़ाने का तोहफा दे सकती है। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार द्वारा सीएम को लिखे गए पत्र से इसकी संभावना बढ़ गई है। वहीं प्रदेश के 16 लाख राज्यकर्मियों की निगाहें अब सरकार के फैसले पर लगी हैं। कर्मचारी संगठन भी उम्र बढ़ाने की पुरजोर मांग कर रहे हैं। .

उच्च पदस्थ सूत्रोंने बताया हैं कि हाल ही में नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने राज्यकर्मियों की रिटायरमेंट की उम्र दो वर्ष बढ़ाने का एक प्रस्ताव सरकार को भेजा है। इस पर उच्चस्तर पर मंथन चल रहा है। सरकार देख रही है कि अगर इसे लागू किया जाए तो कितना वित्तीय भार पड़ेगा और क्या लाभ-हानि होंगे। इन बिंदुओं पर नियुक्ति विभाग से टिप्पणी मांगी गई है। .

वहीं केंद्रीय मंत्री द्वारा पत्र लिखे जाने पर कर्मचारियों ने मांग तेज कर दी है। दूसरी ओर आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन पहले ही कह चुकी है कि तकनीकी शिक्षकों की रिटायर होने की आयु सीमा 62 की जाए। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका भी दायर है। इस मद्देनज़र यह मंथन चल रहा है। जानकारों का दावा है कि सरकार लोकसभा चुनाव 2019 से पहले इस पर मुहर लगा सकती है।.

राजनाथ ने बढ़ाई थी उम्र: 
उत्तर प्रदेश में नवंबर 2001 में राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में राज्यकर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष की गई थी। अब प्रदेश में फिर से भाजपा सरकार है इसलिए रिटायरमेंट उम्र 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष किए जाने की संभावना अधिक नजर आ रही है। वहीं भाजपा शासित छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 से 62 वर्ष किया गया है, इससे भी माना जा रहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार भी इसे लागू करेगी। .

बसपा सरकार में भी हुई थी कवायद: 
प्रदेश में मायावती के नेतृत्व वाली बसपा सरकार के समय भी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। सरकार ने पेंशन के बढ़ते खर्च और रिटायरमेंट के पश्चात कर्मचारियों को दी जाने वाले भारी भरकम धनराशि के बोझ को कम करने के लिए यह प्रस्ताव तैयार किया था। तत्कालीन कैबिनेट सचिव के स्तर पर यह पत्रावली रोक कर प्रस्ताव लौटा दिया गया था।.

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