यूपी लोक सेवा आयोग भर्तियों की जाँच कर रही सीबीआई को मिले पेपर आउट होने के अहम सुराग , आयोग कर्मी के रिश्तेदार के केंद्र से आउट हुआ था पीसीएस - 2015 का पेपर , सीबीआई को आशंका अन्य परीक्षाओं के पेपर भी हुए थे आउट , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

यूपी लोक सेवा आयोग भर्तियों की जाँच कर रही सीबीआई को मिले पेपर आउट होने के अहम सुराग , आयोग कर्मी के रिश्तेदार के केंद्र से आउट हुआ था पीसीएस - 2015 का पेपर , सीबीआई को आशंका अन्य परीक्षाओं के पेपर भी हुए थे आउट , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 




पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2015 का सामान्य अध्ययन का पेपर आयोग कर्मी के एक रिश्तेदार के परीक्षा केंद्र से आउट हुआ था। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रही सीबीआई को आयोग में तलाशी अभियान के दौरान ऐसे ही कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। सीबीआई की टीम अब अप्रैल 2012 से मार्च 2017 तक हुई परीक्षाओं के केंद्रों की सूची खंगाल रही है। पता लगाया जा रहा है कि आयोग में ऐसे कितने कर्मचारी और अफसर हैं, जिनके नाते-रिश्तेदारों को परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए थे।
सीबीआई की टीम रविवार को साप्ताहिक अवकाश के बावजूद आयोग में तलाशी अभियान में जुटी रही। सीबीआई परीक्षा केंद्रों की सूची खंगाल रही है। जांच में यह बात सामने आई है कि पीसीएस-2015 की प्रारंभिक परीक्षा का सामान्य अध्ययन का पहला पेपर लखनऊ के जिस केंद्र से लीक हुआ था, वह केंद्र आयोग में तैनात एक सहायक निजी सचिव (एपीएस) के करीबी रिश्तेदार का है। हालांकि पेपर लीक की सूचना वायरल होने के बाद संबंधित पेपर की परीक्षा दोबारा कराई गई थी लेकिन इसके बाद भी पीसीएस-2015 को लेकर तमाम गड़बड़ियां सामने आती रहीं और प्रारंभिक परीक्षा से लेकर मुख्य परीक्षा, इंटरव्यू और परिणाम तक यह परीक्षा पूरी तरह से विवादों में रही।

इसी तरह आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2016 का पेपर भी लखनऊ के एक केंद्र से आउट हुआ था। हालांकि परीक्षा दोबारा नहीं कराई गई। इसकी सीबीसीआईडी जांच चल रही है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई इस दिशा में काम कर रही है कि आयोग के कुछ कर्मचारियों और अफसरों की मिलीभगत के बगैर पेपर लीक होना संभव नहीं है। सीबीआई जांच कर रही है कि केंद्र आवंटन के क्या मानक हैं, किन अफसरों और कर्मचारियों के करीबी रिश्तेदारों के स्कूल-कॉलेजों को केंद्र बनाया गया, परीक्षा में किन लोगों की ड्यूटी लगाई गई और ड्यूटी किसने लगाई। सीबीआई यह जानने में भी जुटी है कि परीक्षा केंद्रों में आयोग के किन प्रतिनिधियों की ड्यूटी आब्जर्वर के रूप में लगाई गई थी।

- सीबीआई को शिकायत मिली है कि परीक्षा कक्षों में प्राइवेट लोगों की ड्यूटी लगाई जाती थी जबकि नियम है कि केवल सेवारत या सेवानिवृत्त शिक्षक अथवा सेवारत या सेवानिवृत्त शिक्षक ही कक्ष निरीक्षक बनाए जा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने इसकी जांच की तो परीक्षा केंद्र आवंटन मामले की फाइल और कंप्यूटर में दर्ज रिकार्ड में अंतर पाया गया।

सूत्रों के मुताबिक सीबीआई को आशंका है कि पीसीएस-2015 और आरओ/एआरओ-2016 परीक्षा के अलावा अन्य परीक्षाओं में भी पेपर लीक हो सकते हैं। ये दो मामले तो सामने आए गए, पर हो सकता है कि बाकी मामले दबे रह गए होंगे। सीबीआई इस दिशा में भी जांच कर रही है।

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