घोटाला :: सीबीआई को मिली जाँच के दौरान एक और सुहासिनी , कटऑफ से ज्यादा नंबर होने के बावजूद नहीं किया गया चयन , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
समाजवादी पार्टी शासनकाल के दौरान लोक सेवा आयोग में हुई भर्तियों में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच कर रही सीबीआई को एक और ‘सुहासिनी बाजपेई’ मिल गई है। यह महिला गाजीपुर की है, जिसने शिकायत की है कि समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती 2013 (आरओ-एआरओ) में न्यूनतम कटऑफ अंक से सात नंबर अधिक मिलने के बावजूद भी उसे चयनित नहीं किया गया था।इस महिला ने सीबीआई के पास ई-मेल और डाक से शिकायती पत्र भेजा था।
सीबीआई ने मंगलवार को उसे साक्ष्य सहित बुलाया था। सीबीआई टीम ने महिला का बयान दर्ज कर उससे साक्ष्य लिये। दोपहर में सीबीआई के एसपी राजीव रंजन ने भी महिला से पूछताछ की। महिला का कहना है कि आरओ-एआरओ 2013 की मार्कशीट जारी होने के बाद उसे कट ऑफ अंक से सात नंबर ज्यादा मिलने की जानकारी हुई तो उसने आरटीआई के तहत आयोग से जानकारी मांगी। जवाब मिला कि उसने अपने आवेदन पत्र में वरीयता क्रम गलत भरा था, जिस वजह से उसे चयनित नहीं किया गया। महिला का कहना है कि उससे ऐसी कोई गलती नहीं हुई है।
यह महिला सीबीआई इंस्पेक्टर के साथ लोक सेवा आयोग गई। वहां उसके दस्तावेज देखे गए। सूत्रों के मुताबिक उसके आवेदन पत्र में छेड़छाड़ करने के साक्ष्य मिले हैं, जिसे सीबीआई सील करने की तैयारी में है।बता दें कि पीसीएस 2015 मुख्य परीक्षा की अभ्यर्थी रहीं रायबरेली की सुहासिनी बाजपेई की कॉपी बदलकर उसे फेल कर दिया गया था। आरटीआई से खुलासा होने के बाद आयोग ने पहले मामले को दबाने का प्रयास किया था। बीते वर्ष मार्च में इस मामले का खुलासा होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी की चुनावी सभा में आयोग की कार्य प्रणाली पर कटाक्ष किया था।
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समाजवादी पार्टी शासनकाल के दौरान लोक सेवा आयोग में हुई भर्तियों में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच कर रही सीबीआई को एक और ‘सुहासिनी बाजपेई’ मिल गई है। यह महिला गाजीपुर की है, जिसने शिकायत की है कि समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती 2013 (आरओ-एआरओ) में न्यूनतम कटऑफ अंक से सात नंबर अधिक मिलने के बावजूद भी उसे चयनित नहीं किया गया था।इस महिला ने सीबीआई के पास ई-मेल और डाक से शिकायती पत्र भेजा था।
सीबीआई ने मंगलवार को उसे साक्ष्य सहित बुलाया था। सीबीआई टीम ने महिला का बयान दर्ज कर उससे साक्ष्य लिये। दोपहर में सीबीआई के एसपी राजीव रंजन ने भी महिला से पूछताछ की। महिला का कहना है कि आरओ-एआरओ 2013 की मार्कशीट जारी होने के बाद उसे कट ऑफ अंक से सात नंबर ज्यादा मिलने की जानकारी हुई तो उसने आरटीआई के तहत आयोग से जानकारी मांगी। जवाब मिला कि उसने अपने आवेदन पत्र में वरीयता क्रम गलत भरा था, जिस वजह से उसे चयनित नहीं किया गया। महिला का कहना है कि उससे ऐसी कोई गलती नहीं हुई है।
यह महिला सीबीआई इंस्पेक्टर के साथ लोक सेवा आयोग गई। वहां उसके दस्तावेज देखे गए। सूत्रों के मुताबिक उसके आवेदन पत्र में छेड़छाड़ करने के साक्ष्य मिले हैं, जिसे सीबीआई सील करने की तैयारी में है।बता दें कि पीसीएस 2015 मुख्य परीक्षा की अभ्यर्थी रहीं रायबरेली की सुहासिनी बाजपेई की कॉपी बदलकर उसे फेल कर दिया गया था। आरटीआई से खुलासा होने के बाद आयोग ने पहले मामले को दबाने का प्रयास किया था। बीते वर्ष मार्च में इस मामले का खुलासा होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी की चुनावी सभा में आयोग की कार्य प्रणाली पर कटाक्ष किया था।
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