दरोगा भर्ती पेपर लीक मामला :: एजेंसी के अफसरों से हुई पुछताछ

दरोगा भर्ती पेपर लीक मामला :: एजेंसी के अफसरों से हुई पुछताछ 





 दारोगा (उपनिरीक्षक) भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने की एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी है। ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली कंपनी एनएसईआइटी के अधिकारियों, तकनीक विशेषज्ञों से पूछताछ की। कंपनी को गाजियाबाद में बने ऑनलाइन परीक्षा के सर्वर से छेड़छाड़ न करने की हिदायत दी गयी है। 
डीजीपी सुलखान सिंह के निर्देश पर एसटीएफ ने मंगलवार को दारोगा भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक किये जाने की साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गयी थी। एसटीएफ अधिकारियों ने इस प्रकरण की जांच अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. त्रिवेणी सिंह को सौंपी, जिन्होंने बुधवार को कंपनी के अधिकारियों से उनके सर्वर, उसकी सुरक्षा और प्रश्न पत्रों को डिकोट करने के अधिकारों के बारे में पूछताछ की। 

सूत्रों का कहना है कि जांच अधिकारियों ने कंपनी के प्रबंधकों को स्पष्ट रूप से कहा है कि परीक्षा से जुड़े सर्वर में किसी भी दशा में छेड़छाड़ न करें। कर्मचारियों, इंजीनियरों की सूची जांच अधिकारियों को सौंपने को कहा गया है। ऑनलाइन भर्ती परीक्षा जिस सर्वर से संचालित हो रही थी, उसका मुख्यालय गाजियाबाद में है। जल्द जांच अधिकारी उसकी छानबीन करेंगे।

वर्ष 2016 में तत्कालीन सरकार ने नागरिक पुलिस के 2400 दारोगा (पुरुष) व 600 महिला दारोगा, प्लाटून कमांडर के 210 और अग्निशमन अधिकारी द्वितीय (समकक्ष दारोगा) के 97 पदों की रिक्तियां निकाली थीं मगर भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी। सत्ता संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन्हीं रिक्तियों को भरने के लिए 17 से 31 जुलाई तक ऑनलाइन परीक्षा का निर्णय लिया। 22 जिलों के तकरीबन 97 केंद्रों पर परीक्षा शुरू हुई। मगर दूसरे दिन से ही पेपर लीक होने की चर्चा शुरू हो गई। 22 जुलाई की शाम प्रश्न पत्र व उसके उत्तर सोशल मीडिया में वायरल होना शुरू हो गए थे, जिसका संज्ञान लेते हुए सरकार ने परीक्षा रद करने का फैसला लिया।


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