पुलिस विभाग :: 650 सब इंस्पेक्टर का प्रमोशन अटका

पुलिस विभाग :: 650 सब इंस्पेक्टर का प्रमोशन अटका 



उत्तर प्रदेश पुलिस के 650 सब इंस्पेक्टर (एसआई) विभागीय जरूरत होते हुए भी इंस्पेक्टर पद पर प्रोन्नत नहीं हो पा रहे हैं। यह स्थिति तब है जब उन्हीं के बैच के 350 एसआई इंस्पेक्टर बन चुके हैं। प्रोन्नति की आस में बैठे ये एसआई वर्ष 2001 बैच के हैं। डीजीपी कार्यालय की तरफ से भेजे गए अधियाचन के आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के माध्यम से संचालित प्रोन्नति प्रक्रिया के द्वारा इसी बैच के 350 एसआई प्रोन्नत हो चुके हैं। इस तरह शेष बचे एसआई अपने ही बैच के इन साथियों से जूनियर हो गए हैं। अब उनकी पीड़ा यह है कि इंस्पेक्टर का पद रिक्त होते हुए भी प्रोन्नति नहीं की जा रही है। 

शासन का आदेश है कि थानों का प्रभार देने में इंस्पेक्टरों को ही वरीयता दी जाए। इस तरह जिले में इंस्पेक्टरों की पर्याप्त उपलब्धता होने पर एसआई के लिए थानाध्यक्ष बनने की राह मुश्किल हो जाती है। किसी खास वजह से इंस्पेक्टरों को हटाए जाने पर ही एसआई को मौका मिल पाता है। ऐसे में वरिष्ठ होते हुए भी एसआई को थानाध्यक्ष बनने के लिए पुलिस कप्तानों की ‘गणोश परिक्रमा’ करनी पड़ती है। केंद्र सरकार के सहयोग से चलाई जा रही पुलिस बल के आधुनिकीकरण की योजना के तहत प्रदेश में थानों की संख्या भी बढ़ाई जानी है। यह योजना ही इस मंशा से शुरू की गई है कि आंतरिक सुरक्षा के मामले में राज्यों की सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों पर निर्भरता कम हो। ब्यूरो आफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के मानकों के तहत प्रदेश में 2615 पुलिस थाने होने चाहिए, जबकि प्रदेश में सिविल पुलिस के थानों की संख्या मात्र 1460 है।

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