UP BASIC SHIKSHA VIBHAG NEWS :: ONLINE ATTENDANCE पर सरकार और शिक्षकों में ठनी , शिक्षकों ने तीसरे दिन भी नहीं लगायी हाजिरी तो सरकार वेतन रोकने की तैयारी में , पढ़े पूरी खबर
परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस के शिक्षकों के विरोध के बीच जिलों में सख्ती शुरू हो गई है। लखनऊ, बाराबंकी, हरदोई समेत कुछ जिलों में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर सख्ती शुरू कर दी गई है। बाराबंकी व उन्नाव में तीन दिन उपस्थिति न दर्ज कराने वाले शिक्षकों का वेतन रोकने का निर्देश दिया गया है।
वहीं दूसरी तरफ तीसरे दिन भी शिक्षकों का पूरे प्रदेश में विरोध जारी रहा और उन्हें डिजिटल अटेंडेंस नहीं दर्ज कराई। साथ ही संयुक्त संघर्ष मोर्चा का गठन कर 15 जुलाई को हर जिले में प्रदर्शन कर ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया। बाराबंकी बीएसए ने यह भी कहा है कि 11 जुलाई से डिजिटल अटेंडेंस न दर्ज कराने वाले शिक्षकों- कर्मचारियों पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। लखनऊ बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को हर दिन कम से कम पांच विद्यालयों का नियमित निरीक्षण कर पंजिकाओं के डिजिटलाइजेशन के निर्देश दिए हैं। वहीं इसमें रुचि न लेने वाले शिक्षकों के नाम उपलब्ध कराने को कहा है। उन्नाव की बीएसए ने भी पूर्व में ही यह निर्देश दिए कि शिक्षकों- कर्मचारियों का डिजिटल उपस्थिति न दर्ज कराना विभागीय आदेश की अवहेलना है।
उन्होंने ऐसे शिक्षकों-कर्मचारियों का वेतन मानदेय अगले आदेश तक रोकने का निर्देश दिया है। दूसरी तरफ बुधवार को बरेली में दो दिन की छुट्टी के बाद आज विद्यालय खुले । अभी भी कई स्कूलों में पानी भरा हुआ है और शिक्षक काफी दिक्कत से स्कूल पहुंच रहे हैं। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के नेतृत्व में सभी संगठनों के पदाधिकारी व शिक्षकों ने सभी ब्लॉकों में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि संगठन 11-12 जुलाई को ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों से वार्ता कर उनका पक्ष जानेगा। इसके बाद 15 जुलाई को आगे का निर्णय लेगा। जबकि सभी शिक्षक संगठनों के संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने 15 जुलाई को हर जिलों में स्कूल टाइम के बाद संयुक्त रूप से एकत्र होकर मार्च कर जिला मुख्यालय जाने और डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया है। साथ ही 29 जुलाई को निशातगंज स्थित महानिदेशक कार्यालय के घेराव का भी ऐलान किया है।
अखिलेश के ट्वीट से भ्रमित हुए शिक्षक
डिजिटल अटेंडेंस के मुद्दे पर शिक्षकों का समर्थन करने वाले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार देर रात एक्स पर लिखा कि आखिरकार शिक्षकों की एकजुटता के सामने भाजपा सरकार को डिजिटल अटेंडेंस का अपना अतार्किक निर्णय स्थगित करना ही पड़ा। भाजपा सरकार को अब ये समझ आ गया होगा कि लोकतंत्र में जनता की आवाज ही सबसे बड़ा आदेश होती है। न कि सत्ता की मनमर्जी। शिक्षकों को इस नैतिक विजय के लिए बधाई। हालांकि विभाग ने अपना आदेश वापस नहीं लिया है। इसे लेकर शिक्षकों के बीच में कनफ्यूजन बना रहा।
क्या ऑनलाइन अटेंडेंस से खत्म होंगी स्कूलों की समस्याएं : प्रियंका गांधी
अखिलेश यादव, चंद्रशेखर के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी शिक्षकों का समर्थन किया है। प्रियंका ने फेसबुक पर लिखा प्रदेश के शिक्षक ऑनलाइन अटेंडेंस का विरोध कर रहे हैं। उनके तर्क जायक हैं कि ज्यादा स्कूल दूर, ग्रामीण इलाकों में हैं। इनकी दिक्कतों का ध्यान नहीं रखा गया। क्या ऑनलाइन अटेंडेंस से ही स्कूली शिक्षा की समस्याएं खत्म हो जाएंगी? उन्होंने कहा कि शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी, पोलियो ड्यूटी, कोरोना ड्यूटी, कई तरह के सर्वे, रैली में भीड़ बढ़ाने, भूसा ढोने जैसे गैर शैक्षणिक कार्य में उलझाया जाता है। स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। शिक्षकों को हाफ डे, पेड लीव व मेडिकल सुविधा नहीं है। इन समस्याओं का समाधान निकाले बगैर अव्यवहारिक आदेश जारी करना शिक्षकों को भावनात्मक व मानसिक चोट पहुंचाना है। वहीं आम आदमी पार्टी शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव अजय गुप्ता ने भी शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी दर्ज करने के आदेश को तानाशाही बताया है। उन्होंने कहा कि सर्दी, बरसात, खराब रास्ते व ट्रैफिक के कारण कुछ देर होना संभव है। ऐसे में ऑनलाइन हाजिरी का नियम अव्यवहारिक है, सरकार इस आदेश को तुरंत वापस ले।
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