Shikshmitra News :: सपा नेता ने शिक्षामित्रों के मानदेय का मुद्दा उठाया अलग तरीके से , शिक्षा मंत्री ने घेरा , पढ़े पूरी खबर
सपा सदस्य समरपाल सिंह विधानसभा में शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने को लेकर पूछे गए सवाल के दौरान एक मंत्री के घर का किस्सा सुनाने लगे। उन्होंने कहा कि एक मंत्री के घर पर गया तो नौकर कुत्ते को सहला रहा था। मैंने पूछा कि इस पर कितना खर्च आता है तो उसने 20 हजार रुपये महीना बताया। सरकार शिक्षामित्रों को केवल 10 हजार रुपये दे रही है। इससे उनका भरण-पोषण और बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी।
इसके जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सपा सदस्य ने शिक्षामित्रों की तुलना पशुओं से की, जिसकी मैं निंदा करता हूं। इनकी सरकार में शिक्षा मित्रों को महज 3500 रुपये मिलते थे। सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें शिक्षक नहीं माना तो शिक्षामित्रों के रूप में समायोजित किया गया। हमने मानदेय बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया। फिलहाल मानदेय बढ़ाने पर कोई विचार नहीं हो रहा है।
मदरसा शिक्षकों का समायोजन करने की कोई योजना प्रस्तावित नहीं
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओपी राजभर ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार 21 हजार मदरसा शिक्षकों को समायोजित करने पर विचार नहीं कर रही है। ऐसी कोई भी योजना प्रस्तावित नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा सरकार में जब मदरसा आधुनिकीकरण योजना बंद हुई थी, तब आपने चिंता नहीं की। अल्पसंख्यकों के वोट तो चाहिए, लेकिन क्या उनके लिए कोई विश्वविद्यालय खोला था। उन्होंने सदन को बताया कि यह योजना वर्ष 2021-22 तक ही अनुमोदित थी। केंद्र सरकार ने जब अपना 60 फीसदी अंश देना बंद कर दिया तो बजट के अभाव में राज्य सरकार को भी योजना को बंद करना पड़ा।
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