UPPSC, UPSSSC, UPSC Free Coaching : मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में बने 57 सम्पर्क केन्द्र, IAS-PCS के अलावा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की भी होगी तैयारी

 

UPPSC, UPSSSC, UPSC Free Coaching : मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में बने 57 सम्पर्क केन्द्र, IAS-PCS के अलावा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की भी होगी तैयारी

 

 Abhyuday Free Coaching for UPSC, UPPSC, UPSSSC: अभ्युदय योजना में ऑनलाइन  पढ़ाई के लिए प्रसारण कक्षा शुरू, आईएएस, आईपीएस परीक्षा की भी होगी तैयारी

UPPSC, UPSSSC, UPSC Free Coaching : प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के विस्तार के लिए 30 करोड़ रुपये का बजट दिया है। इस धनराशि का सदुपयोग करते हुए हर जिले में सम्पर्क केन्द्र बनवाए जा रहे हैं। अब तक 57 सम्पर्क केन्द्र बन चुके हैं।

इन सम्पर्क केन्द्रों पर आनलाइन पढ़ाई करने के बाद सप्ताह में एक बार प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवा सम्बंधित शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं। यह जानकारी मंगलवार को प्रदेश के समाज कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण ने दी। प्रेसवार्ता में विभाग के राज्य मंत्री संजीव गोंड भी मौजूद थे। 

अपने विभाग के सौ दिनों के कामकाज का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि इन सम्पर्क केन्द्रों पर अभी आईएएस पीसीएस परीक्षाओं की तैयारी करवाई जा रही है। जल्द ही नीट,जेई,और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी करवाई जाएगी। विभाग की शादी अनुदान, छात्रवृत्ति, पारिवारिक लाभ योजनाओं में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आने के बाद अब इन पर प्रभावी अंकुश रखने के लिए एण्टी करप्शन यूनिट कायम की गई है। 

 

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने एक बड़ी पहल करते हुए ट्रांसजेंडर के हितों के संरक्षण के लिए किन्नर कल्याण बोर्ड बनाया। अब इनके लिए केन्द्र सरकार की योजना के तहत गरिमा गृह हर मंडल में बनवाए जा रहे हैं जहां निराश्रित किन्नर रह सकेंगे। उनका स्किल डेवलपमेंट भी करवाया जाएगा। इसके अलावा जरूरतमंद निराश्रित किन्नर राजकीय वृद्धाश्रम में रह सकेंगे।

समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गोंड ने जनजाति वर्ग के हित में किए जा रहे कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 13 जिलों में जनजाति की आबादी है। इन जिलों में जन वनाधिकार कानून के तहत भूमि का अधिकार 15 नवम्बर तक दिलवाने का प्रयास किया जा रहा है।

एक प्रश्न के उत्तर में समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि अब प्रयास किए जा रहे हैं कि छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की राशि के केन्द्रांश और राज्यांश एक साथ बैंक खाते में भेजे जाएं ताकि लाभार्थियों को किसी तरह का भ्रम न रहे। छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की सुविधा से बड़ी तादाद में छात्र-छात्राओं के वंचित रहने की वजह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगले सत्र से छात्र छात्राओं को पहले ही बता दिया जाएगा कि वह छात्रवृत्ति के योग्य हैं या नहीं। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थियों के घर-घर जाकर उनके आधार सें बैंक खाते जोड़े जाएंगे। 60 प्रतिशत लाभार्थियों के आधार जोड़े जा चुके हैं। प्रेसवार्ता में समाज कल्याण निदेशक राकेश कुमार भी मौजूद थे।
  

 

 

 

 

 

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