यूपी में राशन कार्ड वालों को सता रहा ये डर, इस जिले में अब तक 1 हजार ने किया सरेंडर
राशन कार्ड बनवाकर गरीबों का हक लेने वाले अपात्र अब कार्रवाई के खौफ से कार्ड सरेंडर कर रहे हैं। हालांकि अभी इनकी संख्या बड़ी बताई जा रही है। सत्यापन में सच सामने आएगा।
प्रदेश सरकार ने गरीबों के लिए राशन कार्ड की योजना चलाई है। ऐसे गरीब जो रोज कमाने और खाने का काम करते हैं, इन्हें सस्ते दर पर प्रति यूनिट चावल, गेहूं, चना, खाद्य तेल दिया जाता है। जैसे ही योजना आई तमाम अपात्र लोगों ने भी कार्ड बनवा लिए और हर महीने राशन कार्ड उठाना शुरू कर दिया। प्रयागराज जिले की बात की जाए तो गरीबी की रेखा के नीचे रहने वाले 10 लाख 62 हजार लोगों ने कार्ड बनवाकर इसका लाभ लेना शुरू कर दिया। वहीं 88 हजार 106 लोग ऐसे रहे, जिन्होंने अंत्योदय कार्ड बनवाया। इन्हें 35 किलो राशन मुफ्त दिया जाता है।
पिछले दिनों जब प्रदेश के सभी जिलों में कोटा पूरा होने के बाद भी आवेदन आए तो यह पाया गया कि तमाम ऐसे लोगों ने कार्ड बनवा लिए, जिन्हें इसकी जरूरत नहीं थी। पहले सभी अपात्रों से स्वेच्छा से कार्ड सरेंडर करने की बात कही गई। ऐसा माना जा रहा है कि अगर लोग सरेंडर नहीं करेंगे तो आगे कार्रवाई होगी। इसलिए लोग कार्ड सरेंडर कर रहे हैं। प्रयागराज में एक हजार लोगों ने सामान्य कार्ड सरेंडर किया है, जबकि पांच लोगों ने अंत्योदय कार्ड सरेंडर किया है। डीएसओ आनंद सिंह का कहना है कि अब सत्यापन भी शुरू किया जाएगा।
इनका बनता है अंत्योदय कार्ड
अंत्योदय कार्ड ऐसे गरीबों का बनता है, जिनके पास न तो खाने को है, न ही
आवास हो। आर्थिक रूप से समाज का सबसे पिछड़ा तबका होता है, उसे ही यह कार्ड
जारी किया जाता है।
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