इंजीनियरिंग विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा NHSRCL
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) राष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम के तहत सिविल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है जिसके जरिए देश में हाई स्पीड रेल परियोजनाओं के लिए कुशल पेशेवर तथा तकनीकविद् तैयार होंगे।सूरत में बनी एशिया की सबसे बड़ी जियोटेक्निकल इन्वेस्टिगेशन लैब (भू-तकनीकी जांच प्रयोगशाला) में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को विभिन्न भू-तकनीकी जांच के लिए उपयोग किए जा रहे उपकरणों से परिचित कराया जा रहा है। इसके व्याख्यान के अलावा प्रयोगशाला परीक्षण के माध्यम से मिट्टी की विशेषताओं को निर्धारित करने के लिए प्लेट लोड टेस्ट, पाइल लोड टेस्ट जैसे फील्ड टेस्ट भी करवाए जा रहे हैं। अब तक इस प्रयोगशाला में सरदार वल्लभ भाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एसवीएनआईटी), सूरत के 35 विद्यार्थियों के पहले बैच ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
उल्लेखनीय है कि एशिया की सबसे बड़ी भू-तकनीकी प्रयोगशाला मानी जाने वाली इस प्रयोगशाला ने इंजीनियरों, तकनीशियनों और कुशल मजदूरों सहित लगभग 900 लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। अत्याधुनिक जांच उपकरणों से लैस इस प्रयोगशाला में 20 भू-तकनीकी इंजीनियरों और 188 प्रयोगशाला तकनीशियनों के माध्यम से प्रतिदिन 3500 परीक्षण किए जा सकते हैं।
सूरत में बनी एशिया की सबसे बड़ी जियोटेक्निकल इन्वेस्टिगेशन लैब (भू-तकनीकी जांच प्रयोगशाला) में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को विभिन्न भू-तकनीकी जांच के लिए उपयोग किए जा रहे उपकरणों से परिचित कराया जा रहा है। इसके व्याख्यान के अलावा प्रयोगशाला परीक्षण के माध्यम से मिट्टी की विशेषताओं को निर्धारित करने के लिए प्लेट लोड टेस्ट, पाइल लोड टेस्ट जैसे फील्ड टेस्ट भी करवाए जा रहे हैं। अब तक इस प्रयोगशाला में सरदार वल्लभ भाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एसवीएनआईटी), सूरत के 35 विद्यार्थियों के पहले बैच ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
उल्लेखनीय है कि एशिया की सबसे बड़ी भू-तकनीकी प्रयोगशाला मानी जाने वाली इस प्रयोगशाला ने इंजीनियरों, तकनीशियनों और कुशल मजदूरों सहित लगभग 900 लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। अत्याधुनिक जांच उपकरणों से लैस इस प्रयोगशाला में 20 भू-तकनीकी इंजीनियरों और 188 प्रयोगशाला तकनीशियनों के माध्यम से प्रतिदिन 3500 परीक्षण किए जा सकते हैं।
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