बहरौली में छह साल से अधूरी पड़ी पीएचसी

 बहरौली में छह साल से अधूरी पड़ी पीएचसी

इलाज के लिए 15 किमी दूर गोसाईंगंज जाने की मजबूरी
वर्ष 2014 में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने दिए थे 90 लाख

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए 90 लाख रुपए की लागत से बहरौली पीएचसी के भवन निर्माण शुरू कराया था। जो छह वर्ष के बाद भी अधूरा पड़ा है। इस कारण लोगों को 15 किलोमीटर दूर गोसाईंगंज सीएचसी में कोविड वैक्सिनेशन के लिए जाना पड़ रहा है ।

नगराम के बहरौली कस्बे में 90 लाख रुपये की लागत से निर्मित पीएचसी भवन ग्रामीणों के लिए छलावा साबित हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का शिलान्यास वर्ष 2014 में किया था। जिसका निर्माण कार्य कार्यदायी संस्था कांस्ट्रक्शन एण्ड डिजाइन सर्विसेज उत्तर प्रदेश जल निगम के जिम्मे था। कार्यदाई संस्था को वर्ष 2015 में पीएचसी भवन कार्य पूर्ण करना था।

ग्रामीणों का आरोप है कि सपा सरकार के जाते ही निर्माण करा रही कम्पनी पीएचसी भवन का आधा अधूरा काम छोड़ कर चली गई। बहरौली गांव के ग्रामीणों ने बताया कि आस पास के दर्जनों गांव 15 किलोमीटर गोसाईंगंज सीएचसी के अंतर्गत आते हैं। इसके बावजूद अबतक भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं कराया गया। लोगों को वैक्सिनेशन से लेकर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। हाल ही में गांवों में कोरोना संक्रमण बढ़ने पर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने बहरौली कस्बे में बने एएनएम सेंटर को अस्थायी पीएचसी का रूप देकर गोसाईंगंज सीएचसी के फार्मासिस्ट अतुल श्रीवास्तव की नियुक्त किया था। इसके बावजूद यहां पर लोगों का कोविड वैक्सिनेशन समेत स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रही हैं।

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