CCSU Exam 2021: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और छात्रों के लिए जी का जंजाल बने नियम, 470 छात्रों ने भरे गलत फॉर्म

 CCSU Exam 2021: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और छात्रों के लिए जी का जंजाल बने नियम, 470 छात्रों ने भरे गलत फॉर्म




कोरोना संक्रमण के बीच राहत देने एवं व्यवस्था को लेकर बनाए गए नियम चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय एवं स्टूडेंट दोनों के जी का जंजाल बन गए हैं। देरी से मुख्य परीक्षा और फिर देरी से बैक पेपर होने से विश्वविद्यालय के नियमों में छात्र फंस गए। विश्वविद्यालय ने दस अप्रैल से प्रस्तावित मुख्य परीक्षा में इस वर्ष बैक पेपर से छूटे छात्रों को फाइनल के साथ मौका नहीं दिया। हालांकि कंपनी ने फाइनल ईयर के 470 स्टूडेंट के परीक्षा फॉर्म भरवा दिए। गलती की भनक लगने पर ये फॉर्म निष्क्रिय कर दिए गए जबकि छात्र प्रिंटआउट कॉलेजों में जमा कर चुके हैं।


बैक में हर साल राहत, विश्वविद्यालय कोरोना में चूका

फाइनल ईयर बैक में विश्वविद्यालय ने इस वर्ष बैक में फॉर्म नहीं भरने वाले अथवा आवेदन के बावजूद पेपर नहीं देने वाले छात्रों को मौका नहीं दिया है। बीते वर्षों में विश्वविद्यालय मार्च में मुख्य परीक्षा कराते हुए उनके बैक पेपर सितंबर-अक्तूबर में कराता था। जो छात्र बैक फॉर्म नहीं भर पाते थे अथवा भरने के बाद पेपर नहीं दे पाते थे उन्हें मुख्य परीक्षा के साथ बैक फॉर्म भरने का मौका मिलता था। विश्वविद्यालय सामान्य स्थितियों में छात्र हित में ऐसा करता रहा, लेकिन इस वर्ष महामारी के हालात में विश्वविद्यालय ने छात्रों को झटका दे दिया। 2020 में फाइनल ईयर की मुख्य परीक्षाएं सितंबर में हुईं। इसमें फेल छात्रों को विश्वविद्यालय ने बैक फॉर्म भरवाते हुए जनवरी 2021 में मौका दे दिया। लेकिन जो छात्र जनवरी-2021 में 2020 की बैक परीक्षा में फॉर्म नहीं भर सके अथवा पेपर नहीं दे पाए, विश्वविद्यालय ने उन्हें इस बार फॉर्म नहीं भरवाए जबकि बीते वर्षों की तरह ही छात्रों का यह राहत दी जा सकती थी।

ऐसे में कैंपस और कॉलेजों में हजारों छात्र मारे-मारे फिर रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय का दावा है कि जनवरी में ही बैक परीक्षा कराई है, अब कैसे फॉर्म भरवाएं। हालांकि हकीकत यह है कि विश्वविद्यालय में यह व्यवस्था बीते वर्षों से जारी है और महामारी की स्थिति में इस वर्ष लाभ दिया जा सकता था।


470 छात्रों ने नियम विरुद्ध फॉर्म भरे, अब पेपर का संकट

नियम नहीं होने के बावजूद विश्वविद्यालय में 470 छात्र-छात्राओं ने फाइनल ईयर बैक के फॉर्म भी भर दिए जबकि हजारों छात्र मारे-मारे फिर रहे हैं। ये फॉर्म कॉलेजों में जमा भी हो गए, लेकिन गलती पता चलने पर ये फॉर्म लॉगइन से हटा लिए गए। कॉलेज परेशान हैं कि वे क्या करें। छात्र फीस और फॉर्म जमा कर चुके हैं, ऐसे में वे परीक्षा देना चाहेंगे। यदि परीक्षा से रोका गया तो 470 छात्र या तो कैंपस में हंगामा करेंगे अथवा कोर्ट जाएंगे। रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार के अनुसार विश्वविद्यालय इन छात्रों के पेपर कराएगा, लेकिन सवाल यह है उन हजारों छात्रों की गलती क्या है जिन्होंने विश्वविद्यालय की त्रुटि का फायदा नहीं उठाया।


कॉलेजों में फॉर्म सत्यापित नहीं, विश्वविद्यालय में हुए प्रमोट

कोरोना के चलते पिछले वर्ष फॉर्म भरने वाले सभी छात्रों को विश्वविद्यालय ने अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया। लेकिन इसमें सैकड़ों छात्र ऐसे भी प्रमोट हो गए जिनका कॉलेजों ने परीक्षा फॉर्म ही सत्यापित नहीं किया। इनका रिकॉर्ड कंपनी के पास भी नहीं है। लेकिन छात्रों के पास प्रमोशन की मार्कशीट है और वे अगली कक्षा में परीक्षा की मांग कर रहे हैं। नियमों के इस पेंच में केवल बीए, बीकॉम नहीं बल्कि बीएड और एमएड छात्र भी पास हो गए।

एक महीना प्रवेश को नहीं, परीक्षा कैसे दें


विश्वविद्यालय में एमएड का सत्र देरी से चल रहा है। पिछले महीने ही काउंसिलिंग पूरी कराई। विश्वविद्यालय ने हाल में प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं अप्रैल में कराने के आदेश दिए हैं, लेकिन कॉलेज और छात्रों का तर्क है कि छह महीने का कोर्स एक महीने में कैसे पूरा होगा। अतिरिक्त कक्षाओं की भी सीमा है। वे कैसे पेपर देंगे। चूंकि विश्वविद्यालय को शासन के निर्देश मिले हैं, ऐसे में परीक्षा के आदेश दिए गए हैं। नियमों में छात्र फंस गए हैं।


सब पर लगाया विलंब शुल्क, काटी छात्रों की फीस

विश्वविद्यालय ने वार्षिक परीक्षा में अंतिम तिथि के बाद फॉर्म जमा करने वाले छात्रों को 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से विलंब शुल्क जमा करने की बाध्यता की। यह फीस कैंपस आने पर ही जमा करने की बाध्यता थी, लेकिन कंपनी ने इस आदेश को सब पर लागू कर दिया। शनिवार को एलएलबी के छात्र-छात्राओं से 14 दिन का विलंब शुल्क 35 सौ रुपये लिया गया। कॉलेजों ने आपत्ति उठाई तो मामला रजिस्ट्रार तक पहुंचा। रजिस्ट्रार के अनुसार इसे तत्काल हटा दिया गया है। जिन छात्रों की फीस काटी गई है उनकी भरपाई कंपनी करेगी।


बीएड और परीक्षा फॉर्म की कल आखिरी तिथि

चौधरी चरण विश्वविद्यालय में बीएड फाइनल ईयर के परीक्षा फॉर्म और वार्षिक परीक्षा में फॉर्म का प्रिंट आउट संबंधित कॉलेज में जमा करने की अंतिम तिथि कल है। छात्र निर्धारित प्रक्रिया को पूरी कर सकते हैं।


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