इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुलिस विभाग को बड़ी राहत देते हुए 2009 की 35000 पुलिस भर्ती में पिछड़ा वर्ग कोटे में 27 फीसदी आरक्षण से अधिक चयनित 856 महिला अभ्यर्थियों को समायोजित करने की मांग खारिज कर दी है। अभ्यर्थियों की मांग थी कि उनको 2014 के बजाए 2009 की ही भर्ती में समायोजित कर लिया जाए। इसे लेकर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
गौरव वत्स और अन्य सैकड़ों की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने सुनवाई की। याचिका पर अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह ने प्रतिवाद किया।
याचियों का कहना था कि उन्हें 2009 की पुलिस भर्ती के खाली पदों व बढ़े पदों पर समायोजित किया जाए। जबकि सरकार उनको 2014 की रिक्ति में समायोजित कर रही है।
इसे लेकर जारी सरकारी आदेशों की वैधता को चुनौती दी गई थी।बोर्ड ने बाद में 35000 पदों को बढाकर 35844 कर दिया था। चयन परिणाम घोषित करते समय पिछड़े वर्ग की महिला अभ्यर्थियों को कोटे से अधिक चयनित कर लिया गया था।जिसे बाद में रोक दिया गया ।याचियों ने उसी भर्ती मे समायोजित करने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि 2009 की भर्ती में घोषित पदों की सीमा के तहत ही चयन किया जा सकता है।कोटे से अधिक चयनित का समायोजन नहीं किया जा सकता।कोर्ट के इस फैसले से सरकार को बड़ी राहत मिली है।
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