उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव और यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा के बाद समूह 'ग' की बंपर भर्तियां होंगी। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की मंशा इस साल तकरीबन 50 हजार भर्तियां करने की है। इन भर्तियों के लिए आयोग कमर कस रहा है। नए साल में द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली अपनाने के लिए आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा की योजना और पाठ्यक्रम का प्रस्ताव तैयार कर उसे मंजूरी के लिए शासन को भेज दिया है।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पास पिछले वर्ष विभिन्न विभागों में समूह 'ख' के रिक्त लगभग 35,000 पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन आए थे। सरकार ने पिछले वर्ष 31 अगस्त को सरकारी गजट में उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 2020 को अधिसूचित करते हुए इसे सभी सरकारी भर्तियों में लागू करने के लिए गत वर्ष आठ सितंबर को शासनादेश जारी किया था। इस अधिनियम को सरकारी भर्तियों में एक फरवरी, 2019 से प्रभावी माना गया है।
लिहाजा आयोग ने संबंधित विभागों को उनके अधियाचन वापस भेजते हुए उनमें उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 2020 के अनुसार भी आरक्षण का प्राविधान कर संशोधित अधियाचन देने के लिए कहा था। आयोग को अब तक विभिन्न विभागों से लगभग 25,000 रिक्त पदों के लिए अधियाचन मिल गए हैं, जिनमें से तकरीबन 15 हजार पदों के लिए भेजे गए संशोधित अधियाचन परीक्षण के बाद सही पाए गए हैं या फिर उनमें कुछ कमियां हैं जिन्हें विभागों को दूर करने के लिए कहा जा रहा है।
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