प्राचार्य पद के लिए अनर्ह घोषित किए गए अभ्यर्थियों से उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) ने छह अक्तूबर तक आपत्तियां मांगी है। प्राचार्य के 290 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा अब 29 अक्तूबर को होगी। आयोग ने पहले इस परीक्षा के लिए 11 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की थी, लेकिन उसी दिन पीसीएस-2020 की प्रारंभिक परीक्षा भी है। ऐसे में आयोग को प्राचार्य भर्ती की परीक्षा तिथि बदलनी पड़ी।
यूपीएचईएससी ने आवेदनों के परीक्षण के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम अर्हता पूर्ण न करने के कारण 24 सितंबर को 219 अभ्यर्थियों को अनर्ह घोषित कर दिया था। साथ ही इसका कारण भी स्पष्ट किया था। प्राचार्य पद के लिए तकरीबन 1200 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। आयोग ने अब इन अनर्ह अभ्यर्थियों की सूची में पांच अन्य नाम भी शामिल कर लिए हैं। अनर्ह अभ्यर्थियों की संख्या बढ़कर 224 हो गई है। संशोधित सूची भी आयोग के पोर्टल पर अपलोड कर दी गई है और इसमें भी अभ्यर्थियेां को अनर्ह घोषित किए जाने का कारण स्पष्ट किया गया है।
आयोग की बैठक में निर्णय लिया गया है कि अनर्ह अभ्यर्थियों को अपनी अर्हता के संबंध में अगर कुछ कहना है कि तो प्रमाण के साथ अपना प्रत्यावेदन छह अक्तूबर तक आयोग कार्यालय में उपलब्ध करा दें। निर्धारित तिथि के बाद प्रत्यावेदनों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी अभ्यर्थी की होगी। अनर्ह घोषित किए गए ज्यादातर अभ्यर्थी आवेदन की अंतिम तिथि को न्यूनतम 15 वर्ष की नियमित सेवा पूर्ण नहीं कर रहे हैं और एपीआई स्कोर 400 से कम है। इसके अलावा कई अन्य कारण भी हैं।