समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ)-2016 की प्रारंभिक परीक्षा में 18 गुना अभ्यर्थी ही सफल घोषित किए जाएंगे। इस मसले पर विवाद सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से बृहस्पतिवार को स्थिति स्पष्ट की गई। हालांकि, विभिन्न मुद्दों को लेकर आरओ/एआरओ अभ्यर्थियों ने इस बार काले कपड़े पहनकर प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होने और अपना विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया है।
आरओ/एआरओ परीक्षा का विज्ञापन वर्ष 2016 में जारी किया गया था। उस विज्ञापन में माइनस मार्किंग का प्रावधान नहीं था और प्रारंभिक परीक्षा में 18 गुना अभ्यर्थियों को क्वालीफाई कराए जाने का जिक्र था। आयोग ने वर्ष 2019 से अपनी परीक्षाओं में माइनस मार्किंग अनिवार्य कर दी है। साथ ही प्रारंभिक परीक्षाओं में 13 गुना अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने का निर्णय लिया गया है।
आरओ/एआरओ-2016 की प्रारंभिक परीक्षा 20 सितंबर को प्रस्तावित है। आयोग ने जब प्रवेशपत्र जारी किया तो उसमें माइनस मार्किंग का भी प्रावधान था। यह देख अभ्यर्थी भड़क गए। उनका कहना था कि जब विज्ञापन में माइनस मार्किंग का प्रावधान नहीं था तो प्रारंभिक परीक्षा में इसे क्यों लागू किया जा रहा है? अभ्यर्थियों के बीच यह चर्चा भी शुरू हो गई के आयोग जब विज्ञापन के विपरीत जाकर माइनस मार्किंग लागू कर रहा है तो प्रारंभिक परीक्षा में 13 गुना अभ्यर्थियों को ही क्वालीफाई कराएगा। ऐसे ही तमाम मुद्दों को लेकर अभ्यर्थियों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए काले कपड़े पहनकर प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होने का निर्णय लिया है। विवाद बढ़ने के बाद बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव ने स्पष्ट किया कि आरओ/एआरओ-2016 की प्रारंभिक परीक्षा में विज्ञापन के अनुरूप 18 गुना अभ्यर्थियों को ही क्वालीफाई कराया जाएगा। 13 गुना क्वालीफाई कराए जाने की बात अफवाह है।
माइनस मार्किंग के मसले पर सचिव बोले कि 2019 से आयोग की सभी परीक्षाओं में माइनस मार्किंग लागू की गई है। यह किसी एक अभ्यर्थी के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए है। बता दें कि 20 सितंबर को आयोजित होने जा रही आरओ/एआरओ-2016 की प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होने के लिए तकरीबन तीन लाख 61 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। इस परीक्षा के तहत 361 पदों पर चयन होना है। परीक्षा में शामिल होने जा रहे सभी अभ्यर्थियों ने वर्ष 2016 में आवेदन किए थे और प्रारंभिक परीक्षा भी कराई गई थी, लेकिन पेपर लीक मामले में परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। परीक्षा अब दोबारा होने जा रही है।
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