5 साल में BSP ने 91000 और SP दी ढाई लाख नौकरी, योगी सरकार का दावा- 3 साल में दी 3 लाख नौकरियां , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

 5 साल में BSP ने 91000 और SP दी ढाई लाख नौकरी, योगी सरकार का दावा- 3 साल में दी 3 लाख नौकरियां , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 






यूपी में सरकारी नौकरियों के पिछले 13 सालों के आंकड़ों पर नजर डाला जाए तो प्रदेश की मौजूदा सरकार ने सपा और बसपा सरकारों से कहीं अधिक नौकरियां दी हैं। बसपा सरकार ने पांच साल में 91000 और सपा सरकार ने पांच साल में 2.5 लाख नौकरियां दी हैं। कार्मिक विभाग के आंकड़ों को देखा जाए तो योगी सरकार में अब तक 294080 नौकरियां दी गई हैं। इसका औसत निकाल जाए तो हर साल एक लाख युवाओं को नौकरियां दी गई। मौजूदा समय 85629 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसे मिला दिया जाए तो यह संख्या 379709 हो जाती है।

लोकसेवा आयोग की खोई प्रतिष्ठा वापस आई
प्रवक्ता के मुताबिक राज्य सरकार ने लोकसेवा आयोग की खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस लाने का काम किया। विश्वसनीयता, पारदर्शिता और इंटीग्रिटी पुन: स्थापित हुई। अध्यक्ष पद पर ईमानदार व्यक्तियों को नियुक्ति दी गई। परिणाम यह रहा है कि आयोग ने मात्र तीन सालों में ही 26103 पदों पर अभ्यर्थियों का चयन किया। पिछली सरकार में पांच सालों में 26000 अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ था। भाजपा सरकार में हुए चयन में 141 उपजिलाधिकारी, 184 पुलिस उपाधीक्षक, डॉक्टरों में एलोपैथिक 4108, होम्योपैथिक 773, आयुर्वेदिक 969 और डेंटल सर्जन 535 रखे गए। इसके साथ ही पीसीएस जे के पदों पर 610 का चयन हुआ।

तीन सालों में 6566 अफसरों को पदोन्नति
नियुक्तियों में जहां रिकार्ड टूटा, वहीं अफसरों को पदोन्नति देने में भी पिछड़ी सरकारों को पीछे छोड़ा गया। लोकसेवा आयोग के आंकड़ों के मुताबिक तीन सालों में 6566 अफसरों को पदोन्नतियां दी गई हैं, जबकि पूर्ववर्ती सरकार के पांच साल में मात्र 1588 अधिकारियों को ही पदोन्नतियां मिली थीं। इतना ही नहीं आयोग ने विज्ञापन, परीक्षा कार्यक्रम और परीक्षा परिणाम समय पर घोषित किए। परीक्षा कैलेंडर जारी कर अभ्यर्थियों को तैयारी के लिए मौका दिया गया। अभ्यर्थियों से हर बुधवार को उनकी समस्याएं सुनकर उसका समाधान किया जा रहा है। इतना ही नहीं तीन सालों में किसी भी परीक्षा के खिलाफ न्यायालय से कोई स्थगनादेश नहीं हुआ है।

आयोग पर विश्वास बढ़ा
राज्य सरकार ने आयोग की विश्वनीयता, पारदर्शिता व सत्यनिष्ठा को कायम किया। हाईकोर्ट के आदेश पर डा. अनिल यादव को अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया गया और सचिव रिजवानुर्रहान को हटाया गया। वर्ष 2012 से 2017 के बीच चयन में शिकायतों की सीबीआई जांच कर रही है।

यूपीएसएसएससी ने की कार्रवाई
प्रवक्ता के मुताबिक उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने भी गड़बड़ी रोकने के लिए कई कार्रवाइयां की। प्रतिनियुक्ति पर आए अनिल कुमार, दिनेश चंद्र यादव को उनके मूल विभागों में भेजा गया। अनुभाग अधिकारी राम नरेश प्रजापति, सतई प्रजापति के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई।
 
- बसपा सरकार ने पांच साल में कुल 91,000 नौकरियां
- सपा सरकार ने पांच साल के दौरान 2.5 लाख नौकरियां
- भाजपा सरकार ने तीन साल में 294080 नौकरियां, 85629 प्रक्रियाधीन
 
गृह एवं गोपन विभाग
बसपा में 2007 से 2012 तक पांच साल में 35 हजार सिपाही भर्ती
सपा में 2012 से 2017 तक पांच साल में 43 हजार सिपाही भर्ती
 
बेसिक शिक्षा विभाग में
बसपा सरकार में पांच साल में 34000 सरकारी शिक्षक को नौकरी



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