फर्जीवाड़ा ::: अस्सिटेंट प्रोफेसर भर्ती में बिहार की ओबीसी महिला खुद को यूपी का बताकर हुई चयनित , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

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असिस्टेंट प्रोफेसर समाजशास्त्र की भर्ती में आरक्षण की गलत जानकारी देने पर एक महिला अभ्यर्थी चयनित होने के बाद नौकरी से हाथ धो बैठी। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएससी) में उसके अभिलेखों की जांच के दौरान यह मामला सामने आया। ओबीसी वर्ग में चयनित महिला अभ्यर्थियों की जगह अब दूसरी अभ्यर्थी का चयन कर लिया गया है।

प्रदेश के अशाकीय महाविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत चयनित महिला अभ्यर्थी निशा गुप्ता ने अपने आवेदन पत्र में ओबीसी श्रेणी अंकित की थी। साथ ही आवेदन पत्र में स्थायी पता देवरिया और अस्थायी पता दिल्ली बताया था, जबकि निशा बिहार राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आती है। अभ्यर्थियों को माता-पिता के पक्ष से ही आरक्षण मिलता है। निशा के माता-पिता बिहार के रहने वाले हैं और निशा शादी के बाद देवरिया आ गई। ऐसे में निशा को यूपी में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता है। 
हालांकि, इसके बाद भी असिस्टेंट प्रोफेसर समाजशास्त्र के अंतिम चयन परिणाम में निशा का चयन हो गया। चयनित अभ्यर्थियों की फाइलें काउंसलिंग के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय को भेजी जानी हैं। आयोग में जब फाइलों की जांच-पड़ताल की गई तो यह गड़बड़ी सामने आ गई। ऐसे में आयोग ने निशा को सामान्य वर्ग में शामिल करते हुए उनके स्थान पर ओबीसी श्रेणी की महिला अभ्यर्थी श्वेता सिंह का चयन कर लिया है। आरक्षण की गलत जानकारी देने पर निशा को अब नौकरी से हाथ गंवाना पड़ गया। आयोग की सचिव वंदना त्रिपाठी के अनुसार संशोधित चयन परिणाम आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। 





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