विवि व कॉलेजों की लंबित परीक्षाएं हो सकती हैं रद , अगले एक-दो दिन में जारी हो जाएगी संशोधित गाइडलाइन, आंतरिक आकलन या पिछले सेमेस्टर के प्रदर्शन के आधार पर सभी को प्रमोट करने की तैयारी, बाद में परीक्षा का भी मिलेगा मौका , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की लंबित परीक्षाएं भी अब रद की जा सकती हैं। हालांकि जो विश्वविद्यालय व कॉलेज ऑनलाइन या फिर घर बैठे ही छात्रों से ओपेन बुक जैसे तरीके से परीक्षाएं कराने में सक्षम होंगे, उन्हें इसे लेकर छूट भी मिलेगी। वैसे तो मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए ज्यादातर विश्वविद्यालय और कॉलेजों ने परीक्षाएं कराने से हाथ खड़े कर दिए हैं। साथ ही इसकी रिपोर्ट भी मानव संसाधन विकास मंत्रलय और यूजीसी दोनों को दी है। मौजूदा समय में देश में करीब एक हजार विश्वविद्यालय और 45 हजार से ज्यादा कॉलेज हैं। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रलय इससे पहले सीबीएसई व आइसीएसई की दसवीं और बारहवीं की लंबित परीक्षाएं रद कर चुका है, जो विवि और कॉलेजों की परीक्षाओं के साथ ही एक से 15 जुलाई के बीच प्रस्तावित थी। फिलहाल कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए विवि और कॉलेजों ने भी इन परीक्षाओं को रोक रखा है। सूत्रों की मानें तो यूजीसी इन परीक्षाओं को लेकर अगले एक-दो दिन में ही फैसला ले लेगा। वैसे भी अनलॉक-2 में शैक्षणिक संस्थानों को 31 जुलाई तक बंद रखने के फैसले के चलते जुलाई में इनका हो पाना संभव नहीं है। इस बीच, इन सारी उलझनों से निपटने के लिए यूजीसी ने मानव संसाधन विकास मंत्रलय के निर्देश पर हरियाणा विवि के कुलपति प्रोफेसर केसी कुहाड की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर रखी है। सूत्रों की मानें तो कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। जिसमें परीक्षाओं सहित छात्रों को प्रमोट करने के तरीके और नए शैक्षणिक सत्र को लेकर पूरी गाइडलाइन है। सूत्रों की मानें तो कमेटी ने लंबित परीक्षा के रद करने को ही बेहतर विकल्प बताया है। साथ ही कहा कि परीक्षाओं को और आगे टालने से नए शैक्षणिक सत्र को शुरू करने में देरी होगी। फिलहाल नए शैक्षणिक सत्र को एक सितंबर से शुरू करने का प्रस्ताव है। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय यूजीसी बोर्ड को करना है। सूत्रों के मुताबिक यूजीसी अगले एक दो दिनों में जारी होने वाली अपनी संशोधित गाइडलाइन में रद होने वाली परीक्षाओं के प्रमोट करने का फामरूला भी पेश करेगा। इसमें आंतरिक मूल्यांकन या फिर पिछले सेमेस्टर के औसत के आधार पर अंक प्रदान किया जा सकता है। इसके साथ ही छात्रों को बाद में अंक सुधार के लिए परीक्षा का विकल्प भी दिया जाएगा। यूजीसी इससे पहले भी विवि की परीक्षाओं और नए शैक्षणिक सत्र को लेकर एक गाइडलाइन जारी कर चुका है।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की लंबित परीक्षाएं भी अब रद की जा सकती हैं। हालांकि जो विश्वविद्यालय व कॉलेज ऑनलाइन या फिर घर बैठे ही छात्रों से ओपेन बुक जैसे तरीके से परीक्षाएं कराने में सक्षम होंगे, उन्हें इसे लेकर छूट भी मिलेगी। वैसे तो मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए ज्यादातर विश्वविद्यालय और कॉलेजों ने परीक्षाएं कराने से हाथ खड़े कर दिए हैं। साथ ही इसकी रिपोर्ट भी मानव संसाधन विकास मंत्रलय और यूजीसी दोनों को दी है। मौजूदा समय में देश में करीब एक हजार विश्वविद्यालय और 45 हजार से ज्यादा कॉलेज हैं। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रलय इससे पहले सीबीएसई व आइसीएसई की दसवीं और बारहवीं की लंबित परीक्षाएं रद कर चुका है, जो विवि और कॉलेजों की परीक्षाओं के साथ ही एक से 15 जुलाई के बीच प्रस्तावित थी। फिलहाल कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए विवि और कॉलेजों ने भी इन परीक्षाओं को रोक रखा है। सूत्रों की मानें तो यूजीसी इन परीक्षाओं को लेकर अगले एक-दो दिन में ही फैसला ले लेगा। वैसे भी अनलॉक-2 में शैक्षणिक संस्थानों को 31 जुलाई तक बंद रखने के फैसले के चलते जुलाई में इनका हो पाना संभव नहीं है। इस बीच, इन सारी उलझनों से निपटने के लिए यूजीसी ने मानव संसाधन विकास मंत्रलय के निर्देश पर हरियाणा विवि के कुलपति प्रोफेसर केसी कुहाड की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर रखी है। सूत्रों की मानें तो कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। जिसमें परीक्षाओं सहित छात्रों को प्रमोट करने के तरीके और नए शैक्षणिक सत्र को लेकर पूरी गाइडलाइन है। सूत्रों की मानें तो कमेटी ने लंबित परीक्षा के रद करने को ही बेहतर विकल्प बताया है। साथ ही कहा कि परीक्षाओं को और आगे टालने से नए शैक्षणिक सत्र को शुरू करने में देरी होगी। फिलहाल नए शैक्षणिक सत्र को एक सितंबर से शुरू करने का प्रस्ताव है। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय यूजीसी बोर्ड को करना है। सूत्रों के मुताबिक यूजीसी अगले एक दो दिनों में जारी होने वाली अपनी संशोधित गाइडलाइन में रद होने वाली परीक्षाओं के प्रमोट करने का फामरूला भी पेश करेगा। इसमें आंतरिक मूल्यांकन या फिर पिछले सेमेस्टर के औसत के आधार पर अंक प्रदान किया जा सकता है। इसके साथ ही छात्रों को बाद में अंक सुधार के लिए परीक्षा का विकल्प भी दिया जाएगा। यूजीसी इससे पहले भी विवि की परीक्षाओं और नए शैक्षणिक सत्र को लेकर एक गाइडलाइन जारी कर चुका है।