प्रदेश में अब फर्जी शिक्षकों की खैर नहीं, प्राइमरी से यूनिवर्सिटी तक अब टीचर्स को लगाना होगा अंगूठा , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
गोंडा (Gonda) की अनामिका शुक्ला (Anamika Shukla) के नाम पर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय (KGBV) में नौकरी कर रही फर्जी शिक्षिकाओं (Fake Teachers) का मिलाना लगातार जारी है. इसके अलावा प्राइमरी स्कूलों में भी फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की गिरफ़्तारी हो रही है. मामले में यूपी एसटीएफ (UP STF) लगातार कार्रवाई कर रही है. इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपी के करीब साढ़े छह लाख शिक्षकों के डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन का आदेश दिया है. अब प्रदेश में प्राइमरी से लेकर यूनिवर्सिटी तक डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन किया जाएगा. इतना ही नहीं सभी शिक्षकों को अपने थंब इम्प्रैशन के साथ प्रमाण पत्रों की जांच 31 जुलाई तक पूरी करनी होगी.
यूपी में इतने शिक्षक हैं कार्यरत
इसकी जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आदेश दिए हैं कि प्रदेश में जितने भी शिक्षक हैं, चाहे वो माध्यमिक शिक्षा में हों, उच्च शिक्षा में या बेसिक शिक्षा में हों, उन सभी के डोक्यूमेंट की जांच के लिए डेडिकेटेड टीम बनाई जाए, कोई भी फर्जी पाया जाए तो उनपर कार्रवाई की जाए. बता दें यूपी के इन संस्थानों में मौजूदा वक्त में 6.53 लाख शिक्षक कार्यरत हैं.
अनामिका शुक्ला प्रकरण सामने आने के बाद से ही बेसिक शिक्षा विभाग में मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से दस्तावेजों की जांच शुरू हो चुकी है. इसके लिए नोडल अफसर भी बनाए गए हैं. सभी शिक्षकों की सर्विस बुक व मार्कशीट अपलोड कर दी गई है. अब सभी शिक्षकों को 25 जून तक अपनी सर्विस बुक और दस्तावेजों का सत्यापन करवाना है. इसके अलावा सभी के शैक्षणिक दस्तावेजों की अलग से जांच होगी.
ये आ रही दिक्कत
हालांकि सरकार के इस कदम के बाद शिक्षकों को कई दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है. उन्हें अपने डाक्यूमेंट्स की छायाप्रति पोस्ट करने को कहा गया है. ऐसे में अगर साढ़े छह लाख लोग अपनी हाई स्कूल से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट व अन्य डिग्रीयों की फोटो कॉपी पोस्ट करेंगे तो अनदजा लगाया जा सकता है कि कागजों का ढेर लग जायेगा. इतना ही नहीं. इनकी जांच प्रक्रिया भी लंबी हो जाएगी. हालांकि शासन का कहना है कि सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रोंके साथ ही सर्विस बुक को डिजिटलाइज्ड किया जा रहा है.
गोंडा (Gonda) की अनामिका शुक्ला (Anamika Shukla) के नाम पर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय (KGBV) में नौकरी कर रही फर्जी शिक्षिकाओं (Fake Teachers) का मिलाना लगातार जारी है. इसके अलावा प्राइमरी स्कूलों में भी फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की गिरफ़्तारी हो रही है. मामले में यूपी एसटीएफ (UP STF) लगातार कार्रवाई कर रही है. इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपी के करीब साढ़े छह लाख शिक्षकों के डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन का आदेश दिया है. अब प्रदेश में प्राइमरी से लेकर यूनिवर्सिटी तक डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन किया जाएगा. इतना ही नहीं सभी शिक्षकों को अपने थंब इम्प्रैशन के साथ प्रमाण पत्रों की जांच 31 जुलाई तक पूरी करनी होगी.
यूपी में इतने शिक्षक हैं कार्यरत
इसकी जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आदेश दिए हैं कि प्रदेश में जितने भी शिक्षक हैं, चाहे वो माध्यमिक शिक्षा में हों, उच्च शिक्षा में या बेसिक शिक्षा में हों, उन सभी के डोक्यूमेंट की जांच के लिए डेडिकेटेड टीम बनाई जाए, कोई भी फर्जी पाया जाए तो उनपर कार्रवाई की जाए. बता दें यूपी के इन संस्थानों में मौजूदा वक्त में 6.53 लाख शिक्षक कार्यरत हैं.
अनामिका शुक्ला प्रकरण सामने आने के बाद से ही बेसिक शिक्षा विभाग में मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से दस्तावेजों की जांच शुरू हो चुकी है. इसके लिए नोडल अफसर भी बनाए गए हैं. सभी शिक्षकों की सर्विस बुक व मार्कशीट अपलोड कर दी गई है. अब सभी शिक्षकों को 25 जून तक अपनी सर्विस बुक और दस्तावेजों का सत्यापन करवाना है. इसके अलावा सभी के शैक्षणिक दस्तावेजों की अलग से जांच होगी.
ये आ रही दिक्कत
हालांकि सरकार के इस कदम के बाद शिक्षकों को कई दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है. उन्हें अपने डाक्यूमेंट्स की छायाप्रति पोस्ट करने को कहा गया है. ऐसे में अगर साढ़े छह लाख लोग अपनी हाई स्कूल से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट व अन्य डिग्रीयों की फोटो कॉपी पोस्ट करेंगे तो अनदजा लगाया जा सकता है कि कागजों का ढेर लग जायेगा. इतना ही नहीं. इनकी जांच प्रक्रिया भी लंबी हो जाएगी. हालांकि शासन का कहना है कि सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रोंके साथ ही सर्विस बुक को डिजिटलाइज्ड किया जा रहा है.