UPPSC :: सपा शासनकाल में चहेतों के चयन के लिए बदल दिया था शासनादेश ,क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

UPPSC :: सपा शासनकाल में चहेतों के चयन के लिए बदल दिया था शासनादेश ,क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 




लोक सेवा आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच कर रही सीबीआई टीम ने अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती 2010 में भी एक बड़ी गड़बड़ी पकड़ी है। इस भर्ती में चेहतों को चयनित करने के लिए शासनादेश को बदल देने का अत्यंत गंभीर मामला सामने आया है।

एपीएस भर्ती में अभ्यर्थियों के लिए ट्रिपलसी शैक्षिक अर्हता निर्धारित की गई थी। प्रदेश सरकार की ओर से जारी शासनादेश में भी यही कहा गया है कि कम्प्यूटर के लिए ट्रिपलसी को ही मान्य किया जाएगा। एपीएस 2010 के 250 पदों की भर्ती के दौरान पूर्व सचिव ने 5 मई 2015 को सचिव सचिवालय प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि सर्विस रूल्स में निर्धारित कंप्यूटर सर्टिफिकेट की शैक्षिक योग्यता को समाप्त करके कंप्यूटर का ज्ञान कर दिया जाए।

यह प्रस्ताव नियम विरुद्ध था, क्योंकि चयन प्रक्रिया के मध्य में शैक्षिक अर्हता नहीं बदली जा सकती है। शासन ने इसे अस्वीकर कर दिया था। इसके बाद पूर्व सचिव ने उस समय के परीक्षा नियंत्रक के साथ मिलकर जुलाई 2015 में कंप्यूटर विशेषज्ञों की कमेटी बनाई और शासनादेश और सर्विस रूल्स के विपरीत जाकर शैक्षिक अर्हता में बदलाव का प्रस्ताव पास करवा कर अभ्यर्थियों को सफल कर दिया।

पूर्व सचिव को दिल्ली ले गई सीबीआई

शासनादेश में बदलाव करवाने वाले पूर्व सचिव, जो सेवानिवृत हो चुके हैं, इस समय सीबीआई की गिरफ्त में हैं। पीसीएस 2015 में हुई तमाम अनियमितता के बारे में पूछताछ के लिए सीबीआई ने दबाव डालकर इन्हें विदेश से बुलवाया है। अब इनसे इनके कार्यकाल के दौरान हुई एपीएस 2010 भर्ती की अनियमितता को लेकर भी पूछताछ की जा रही है। सीबीआई इस बारे में पूछताछ के लिए पूर्व सचिव को दिल्ली ले गई है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक अप्रैल 2012 से मार्च 2017 के बीच हुई भर्तियों से जुड़े आयोग के कई अफसरों और कर्मचारियों को पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया है। एपीएस 2010 भर्ती में अनियमितता की शिकायत करने वाले कई अभ्यर्थी भी दिल्ली बुलाए गए हैं।


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