यूपी बोर्ड परीक्षा में नंबर बढ़वाने का खेल, चार लोग हिरासत में , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करते समय नंबर बढ़वाने का खेल उजागर होने लगा है। अलीगंज पुलिस ने अभी तक मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया है।
पुलिस की पकड़ में मुजफ्फरनगर जनपद निवासी दो संदिग्ध पहले आए और इनसे मिले सुराग के आधार पर पुलिस ने टांडा निवासी स्थानीय एक इंटर कॉलेज के रिटायर लिपिक को उठाया। तीनों से गहन पूछताछ के बाद गिरोह का तार डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के एक अफसर से जुड़ा। अलीगंज पुलिस ने अधिकारी को भी हिरासत में लिया है। चारों से अलग-अलग पूछताछ के बाद गिरोह के सरगना के सहारनपुर में सक्रिय होने की जानकारी पर पुलिस टीम रवाना हो गई है। एसपी आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है, जल्द ही राजफाश किया जाएगा।
मेडिकल कॉलेज चौकी पुलिस ने दिखाई सक्रियता : बोर्ड परीक्षा की कॉपियों में नंबर बढ़वाने वाले गिरोह के दोनों सदस्यों ने सहारनपुर जनपद के देवबंद और मुजफ्फरनगर जनपद के बीच एक कार को किराए पर लिया। चालक को पहले कानपुर और इसके बाद लखनऊ फिर इलाहाबाद जाने को कहा। बाद में सुलतानपुर जिले से होकर यह अंबेडकरनगर पहुंचे। यहां टांडा पहुंचने से पहले रास्ते में राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज के पास एटीएम से कैश निकालने लगे। यहां उनकी गतिविधि संदिग्ध लगने पर मेडिकल कॉलेज चौकी की पुलिस ने पकड़ लिया। कड़ाई से पूछताछ में दोनों ने राज खोले।
विवि अफसर पहुंचाता है रुपये
दोनों संदिग्धों ने बताया विवि का अफसर नंबर बढ़वाने के लिए रकम पहुंचाता है। यहां रुपये देने ही आए थे। जबकि टांडा का रिटायर लिपिक मूल्यांकन केंद्र पर परीक्षकों तथा उप प्रधान परीक्षकों की तैनाती को लेकर सेटिंग करता है। गिरोह को मूल्यांकन केंद्र पर किस जिले और विषय की उत्तर पुस्तिकाएं पहुंची हैं, बताया जाता है। इसके बाद कॉपी में भले ही नंबर कम हों लेकिन शीट में नंबर बढ़ा दिया जाता है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करते समय नंबर बढ़वाने का खेल उजागर होने लगा है। अलीगंज पुलिस ने अभी तक मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया है।
पुलिस की पकड़ में मुजफ्फरनगर जनपद निवासी दो संदिग्ध पहले आए और इनसे मिले सुराग के आधार पर पुलिस ने टांडा निवासी स्थानीय एक इंटर कॉलेज के रिटायर लिपिक को उठाया। तीनों से गहन पूछताछ के बाद गिरोह का तार डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के एक अफसर से जुड़ा। अलीगंज पुलिस ने अधिकारी को भी हिरासत में लिया है। चारों से अलग-अलग पूछताछ के बाद गिरोह के सरगना के सहारनपुर में सक्रिय होने की जानकारी पर पुलिस टीम रवाना हो गई है। एसपी आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है, जल्द ही राजफाश किया जाएगा।
मेडिकल कॉलेज चौकी पुलिस ने दिखाई सक्रियता : बोर्ड परीक्षा की कॉपियों में नंबर बढ़वाने वाले गिरोह के दोनों सदस्यों ने सहारनपुर जनपद के देवबंद और मुजफ्फरनगर जनपद के बीच एक कार को किराए पर लिया। चालक को पहले कानपुर और इसके बाद लखनऊ फिर इलाहाबाद जाने को कहा। बाद में सुलतानपुर जिले से होकर यह अंबेडकरनगर पहुंचे। यहां टांडा पहुंचने से पहले रास्ते में राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज के पास एटीएम से कैश निकालने लगे। यहां उनकी गतिविधि संदिग्ध लगने पर मेडिकल कॉलेज चौकी की पुलिस ने पकड़ लिया। कड़ाई से पूछताछ में दोनों ने राज खोले।
विवि अफसर पहुंचाता है रुपये
दोनों संदिग्धों ने बताया विवि का अफसर नंबर बढ़वाने के लिए रकम पहुंचाता है। यहां रुपये देने ही आए थे। जबकि टांडा का रिटायर लिपिक मूल्यांकन केंद्र पर परीक्षकों तथा उप प्रधान परीक्षकों की तैनाती को लेकर सेटिंग करता है। गिरोह को मूल्यांकन केंद्र पर किस जिले और विषय की उत्तर पुस्तिकाएं पहुंची हैं, बताया जाता है। इसके बाद कॉपी में भले ही नंबर कम हों लेकिन शीट में नंबर बढ़ा दिया जाता है।