UPPSC ::: आयोग बदलेगा विषय विशेषज्ञों का पैनल , आयोग ने वेबसाइट पर विशेषज्ञों के बायोडाटा का प्रारूप जारी किया , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
लोक सेवा आयोग अपने विषय विशेषज्ञों के पैनल में बदलाव करने जा रहा है। आयोग ने वेबसाइट पर विशेषज्ञों के बायोडाटा का प्रारूप जारी किया है। विशेषज्ञ बनने के लिए इस प्रारूप को भरकर प्रमाणित कराने के बाद आयोग के परीक्षा नियंत्रक को भेजना है। हालांकि इसके लिए कोई अंतिम तिथि तय नहीं की गई है। इसे इमेल के जरिए या फिर डाक से भेजा जा सकता है।
आयोग पीसीएस सहित अन्य परीक्षाओं का पेपर तैयार करने से लेकर कॉपियों के मूल्यांकन एवं परीक्षा से जुड़े अन्य कार्यों और इंटरव्यू में विषय विशेषज्ञों की मदद लेता है। केंद्रीय, राज्य विश्वविद्यालयों, मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों के अनुभवी सेवारत और सेवानिवृत शिक्षकों को विशेषज्ञ बनाया जाता है। बायोडाटा में सेवारत या सेवानिवृत होने की जानकारी देने के साथ ही शैक्षिक विवरण और विषय की विशेषज्ञता का विस्तार से उल्लेख किया जाना है। संघ लोक सेवा आयोग के विशेषज्ञ पैनल में शामिल थे या नहीं, इसके बारे में भी जानकारी देनी है।
सितंबर 2018 में बने थे विशेषज्ञ: आयोग ने सितंबर 2018 में 57 विषयों के विशेषज्ञ के लिए स्नातक और परास्नातक स्तर पर दस वर्ष अध्यापन का अनुभव रखने वाले सेवानिवृत, सेवारत शिक्षकों से आवेदन लेकर विशेषज्ञों का चयन किया था।
आयोग की है यह नियमित प्रक्रिया: सचिव आयोग के सचिव जगदीश का कहना है कि विषय विशेषज्ञों का चयन आयोग की एक नियमित प्रक्रिया है। समय-समय पर इसके लिए आवेदन लिए जाते हैं और आवेदकों की अर्हता के अनुसार विशेषज्ञ पैनल के लिए चयन किया जाता है।
गोपनीयता भंग होने की बात आई थी सामने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के पेपर लीक प्रकरण में पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार की पिछले वर्ष मई में हुई गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने उनके लैपटॉप को जब्त कर लिया था। इसके बाद यह बात सामने आई थी कि उनके लैपटाप में दर्ज तमाम गोपनीय सूचनाओं के साथ ही विशेषज्ञों के पैनल की गोपनीयता भी भंग हो गई है। आयोग के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार सभी परीक्षाओं में प्रश्नों को लेकर होने वाले विवाद को शून्य करना चाहते हैं। माना जा रहा है कि इन्हीं सब वजहों को लेकर विशेषज्ञों के लिए बायोडाटा का प्रारूप जारी किया गया है।
लोक सेवा आयोग अपने विषय विशेषज्ञों के पैनल में बदलाव करने जा रहा है। आयोग ने वेबसाइट पर विशेषज्ञों के बायोडाटा का प्रारूप जारी किया है। विशेषज्ञ बनने के लिए इस प्रारूप को भरकर प्रमाणित कराने के बाद आयोग के परीक्षा नियंत्रक को भेजना है। हालांकि इसके लिए कोई अंतिम तिथि तय नहीं की गई है। इसे इमेल के जरिए या फिर डाक से भेजा जा सकता है।
आयोग पीसीएस सहित अन्य परीक्षाओं का पेपर तैयार करने से लेकर कॉपियों के मूल्यांकन एवं परीक्षा से जुड़े अन्य कार्यों और इंटरव्यू में विषय विशेषज्ञों की मदद लेता है। केंद्रीय, राज्य विश्वविद्यालयों, मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों के अनुभवी सेवारत और सेवानिवृत शिक्षकों को विशेषज्ञ बनाया जाता है। बायोडाटा में सेवारत या सेवानिवृत होने की जानकारी देने के साथ ही शैक्षिक विवरण और विषय की विशेषज्ञता का विस्तार से उल्लेख किया जाना है। संघ लोक सेवा आयोग के विशेषज्ञ पैनल में शामिल थे या नहीं, इसके बारे में भी जानकारी देनी है।
सितंबर 2018 में बने थे विशेषज्ञ: आयोग ने सितंबर 2018 में 57 विषयों के विशेषज्ञ के लिए स्नातक और परास्नातक स्तर पर दस वर्ष अध्यापन का अनुभव रखने वाले सेवानिवृत, सेवारत शिक्षकों से आवेदन लेकर विशेषज्ञों का चयन किया था।
आयोग की है यह नियमित प्रक्रिया: सचिव आयोग के सचिव जगदीश का कहना है कि विषय विशेषज्ञों का चयन आयोग की एक नियमित प्रक्रिया है। समय-समय पर इसके लिए आवेदन लिए जाते हैं और आवेदकों की अर्हता के अनुसार विशेषज्ञ पैनल के लिए चयन किया जाता है।
गोपनीयता भंग होने की बात आई थी सामने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के पेपर लीक प्रकरण में पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार की पिछले वर्ष मई में हुई गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने उनके लैपटॉप को जब्त कर लिया था। इसके बाद यह बात सामने आई थी कि उनके लैपटाप में दर्ज तमाम गोपनीय सूचनाओं के साथ ही विशेषज्ञों के पैनल की गोपनीयता भी भंग हो गई है। आयोग के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार सभी परीक्षाओं में प्रश्नों को लेकर होने वाले विवाद को शून्य करना चाहते हैं। माना जा रहा है कि इन्हीं सब वजहों को लेकर विशेषज्ञों के लिए बायोडाटा का प्रारूप जारी किया गया है।