मैनपुरी: उच्च न्यायालय के आदेश पर 26 शिक्षक बहाल, फर्जी डिग्री के मामले में हुए थे बर्खास्त , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट

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मैनपुरी जिले में बर्खास्त किए गए विशेष जांच टीम (एसआईटी) की सूची में शामिल शिक्षकों को उच्च न्यायालय के आदेश पर राहत मिल गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने 74 में से 26 शिक्षक बृहस्पतिवार को बहाल कर दिए। ये शिक्षक शुक्रवार को फिर से विद्यालयों में नजर आएंगे।  डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से वर्ष 2015 में बीएड करने वाले जिले के 81 शिक्षकों की डिग्री एसआईटी ने फर्जी बताते हुए इन शिक्षकों की सेवा समाप्ति के निर्देश वर्ष 2017 में दिए थे। दो साल तक चली जांच के बाद 30 नवंबर 2019 को बीएसए विजय प्रताप सिंह ने जिला समिति की रिपोर्ट के बाद 74 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया था। 

तीन शिक्षकों को 22 जनवरी को बर्खास्त किया गया। नवंबर में बर्खास्त हुए शिक्षक उच्च न्यायालय चले गए थे। इनमें से 26 शिक्षकों की सेवा बहाल कर 10 फरवरी को उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है। न्यायालय के आदेश की अवमानना न हो जाए इसको ध्यान में रखते हुए बीएसए विजय प्रताप सिंह ने बृहस्पतिवार को 26 शिक्षकों को बहाल कर दिया। 
18 से पूर्व अन्य शिक्षकों की भी होनी है बहाली 
30 नवंबर को बर्खास्त किए गए 74 में से 48 शिक्षकों की सेवा 18 फरवरी से पहले बहाल होने की संभावना है। इन शिक्षकों की सेवा बहाली के लिए भी कार्रवाई चल ही है। बीएसए ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार कार्रवाई की जा रही है।  
 
अंतिम फैसला आने तक नहीं मिलेगा वेतन 

भले ही 26 शिक्षकों को बृहस्पतिवार को बहाल कर दिया हो, लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश के चलते उन्हें जब तक कोर्ट का अंतिम निर्णय नहीं आ जाता है तब तक वेतन नहीं दिया जाएगा। बर्खास्तगी के बाद 77 शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया था। 
 
बीएसए विजय प्रताप सिंह ने बताया कि कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए फिलहाल 26 शिक्षकों की सेवा बहाल की जा रही है, लेकिन उन्हें अंतिम निर्णय आने तक वेतन नहीं दिया जाएगा।


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