UPSC के नंबरों से प्राइवेट सेक्टर में भी मिल रही बेहतर नौकरी , नंबर सार्वजनिक होने से जरूरत के मुताबिक कंपनियां बुला लेती हैं , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट

UPSC के नंबरों से प्राइवेट सेक्टर में भी मिल रही बेहतर नौकरी , नंबर सार्वजनिक होने से जरूरत के मुताबिक कंपनियां बुला लेती हैं , क्लिक करे  और पढ़े पूरी पोस्ट 




यूपीएससी की ओर से आयोजित सिविल सर्विस परीक्षा में असफल प्रतिभागियों के भी अंक सार्वजनिक करने के प्रयोग को बेहतर नतीजे मिलने लगे हैं। प्राइवेट कंपनियों और दूसरे संस्थानों की ओर से इन अंकों के आधार पर नौकरी देने के सकारात्मक संकेत मिलने लगे हैं। इसके बाद अब ज्यादा से ज्यादा प्रतिभागी इसका विकल्प चुनने लगे हैं। पंद्रह हजार से ज्यादा प्रतिभागियों ने यूपीएससी की परीक्षा के बाद अपने अंक पब्लिक डोमेन में डालने के विकल्प को चुना है। 2017 में जब इसका प्रयोग किया गया था तो महज 800 स्टूडेंट ने इस विकल्प को चुना था।

अंक पब्लिक डोमेन में डालने की इस प्रवृत्ति को तब तेजी मिली जब पहली बार दो सौ से अधिक स्टूडेंट को इस प्रयोग से नौकरी मिली। 2018 में यह आंकड़ा 6 हजार तक पहुंचा और इनमें से करीब 1 हजार स्टूडेंट को नौकरी के लिए प्राइवेट कंपनियों ने इंटरव्यू के लिए बुलाया। सूत्रों के अनुसार सिविल सर्विस परीक्षा के अलावा इंजिनियरिंग और फॉरेस्ट सेवा को भी मिला दिया जाए तो इस साल 14 हजार स्टूडेंट ने यह विकल्प चुना।

डीओपीटी ने 2016 में यह व्यवस्था शुरू की थी। डीओपीटी का कहना है कि अंकों को सार्वजनिक करने से प्राइवेंट कंपनियों को अपने यहां योग्य उम्मीदवार खोजने के लिए बड़ा विकल्प मिल जाएगा। इस सिस्टम में स्टूडेंट की शैक्षणिक योग्यता और परीक्षा में मिले अंक लेकर उनसे संपर्क करने की जानकारी जैसी सूचनाएं एक जगह मिल जाती हैं। इसके लिए एनआईसी ने खासतौर पर वेबसाइट बनाई है। लेकिन किसी के अंक या डिग्री सार्वजनिक करने से पहले यूपीएससी प्रतिभागी की सहमित लेता है। परीक्षा के लिए फॉर्म भरते समय इस बारे में पहले से पूछा जाता है। सरकार की कोशिश है कि इस सिस्टम को अधिक से अधिक परीक्षाओं में लागू कर दिया जाए।


Click Here & Download Govt Jobs UP Official Android App



Click Here to join Govt Jobs UP Telegram Channel



Previous Post Next Post