सुप्रीम कोर्ट के आदेश से शिक्षामित्रों को राहत नहीं , सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने पर शिक्षामित्रों को ही होगा नुकसान , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से शिक्षामित्रों को राहत नहीं , सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने पर शिक्षामित्रों को ही होगा नुकसान , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट 





 शिक्षामित्रों के संबंध में शीर्ष कोर्ट के आदेश को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं जरूर हैं, लेकिन वास्तविकता यही है कि इस आदेश से शिक्षामित्रों पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ रहा है, बल्कि यदि शीर्ष कोर्ट के सुझाव को प्रदेश सरकार लागू कर दे तो नुकसान होना तय है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लंबित भर्ती भी आगे नहीं बढ़ पाएगी, क्योंकि लखनऊ खंडपीठ से कटऑफ अंक का निस्तारण होने का इंतजार है।
असल में सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में तैनात 1.37 लाख शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद कर दिया था। कोर्ट ने योग्य शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर चयन हो सके इसलिए दो भर्तियां करने का आदेश प्रदेश सरकार को दिया। साथ ही उन्हें आयु सीमा में छूट व वेटेज अंक देने का भी निर्देश दिया। इसके अनुपालन में प्रदेश सरकार ने 2018 में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा कराई और उसमें 41556 अभ्यर्थी सफल हुए। अब तक चार चरणों में करीब 45 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को शिक्षक पद पर नियुक्ति दी जा चुकी है, वहीं नियुक्ति का पांचवां चरण अगले महीनों में शुरू होगा। ज्ञात हो कि तमाम अभ्यर्थी लिखित परीक्षा के पुनमरूल्यांकन में सफल हो गए थे। प्रदेश सरकार ने एक दिसंबर 2018 को ही शीर्ष कोर्ट के आदेश पर शिक्षामित्रों के लिए दूसरी 69000 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की प्रक्रिया शुरू की।


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