69000 शिक्षक भर्ती ::: 23 तक लिखित बहस दाखिल करें वकील , हाईकोर्ट ने केस के जल्द निपटारे के मद्देनज़र दिया निर्देश , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों के भर्ती मामले में राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियों की विशेष अपीलों पर फाइनल सुनवाई के दौरान पक्षकारों के वकीलों को अपनी लिखित बहस २३ जनवरी तक दाखिल करने के निर्देश दिये हैं।इनमें एकल न्यायाधीश के उस फैसले व आदेश को चुनौती दी गई है‚ जिसमें भर्ती परीक्षा में न्यूनतम अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिये ४५ और आरक्षित वर्ग के लिये ४० फीसद रखे जाने के निर्देश सरकार को दिये गये थे॥। न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने यह आदेश इन अपीलों पर दिया। इस मामले में कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने गत २४ सितम्बर को सरकार का पक्ष रखते हुए दलीलें दी थीं। इसके बाद से अन्य पक्षकारों के अधिवक्ताओं की बहस जारी थी। कोर्ट ने अगली सुनवाई २३ जनवरी को नियत की है। ॥ बीते साल की शुरुûआत में हुई भर्ती परीक्षा के बाद राज्य सरकार ने इसमें अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिये ६५ और आरक्षित वर्ग के लिए ६०‡ तय किया था‚ जिसके खिलाफ एकल पीठ में कई याचिकाएं दायर हुइÈ और यह निर्देश दिया गया था। बीते शनिवार को मामले की फाइनल सुनवाई जारी रही। यचियों के अधिवक्ता प्रशांत चंद्रा के सुझाव पर और हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश के मद्ेनजर अदालत ने मौखिक बहस को सीमित करने के लिए संबंधित पक्षकारों के वकीलों को अपनी लिखित बहस २३ जनवरी तक दाखिल करने के निर्देश दिए‚ जिससे मामले का जल्द निस्तारण किया जा सके।
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों के भर्ती मामले में राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियों की विशेष अपीलों पर फाइनल सुनवाई के दौरान पक्षकारों के वकीलों को अपनी लिखित बहस २३ जनवरी तक दाखिल करने के निर्देश दिये हैं।इनमें एकल न्यायाधीश के उस फैसले व आदेश को चुनौती दी गई है‚ जिसमें भर्ती परीक्षा में न्यूनतम अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिये ४५ और आरक्षित वर्ग के लिये ४० फीसद रखे जाने के निर्देश सरकार को दिये गये थे॥। न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने यह आदेश इन अपीलों पर दिया। इस मामले में कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने गत २४ सितम्बर को सरकार का पक्ष रखते हुए दलीलें दी थीं। इसके बाद से अन्य पक्षकारों के अधिवक्ताओं की बहस जारी थी। कोर्ट ने अगली सुनवाई २३ जनवरी को नियत की है। ॥ बीते साल की शुरुûआत में हुई भर्ती परीक्षा के बाद राज्य सरकार ने इसमें अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिये ६५ और आरक्षित वर्ग के लिए ६०‡ तय किया था‚ जिसके खिलाफ एकल पीठ में कई याचिकाएं दायर हुइÈ और यह निर्देश दिया गया था। बीते शनिवार को मामले की फाइनल सुनवाई जारी रही। यचियों के अधिवक्ता प्रशांत चंद्रा के सुझाव पर और हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश के मद्ेनजर अदालत ने मौखिक बहस को सीमित करने के लिए संबंधित पक्षकारों के वकीलों को अपनी लिखित बहस २३ जनवरी तक दाखिल करने के निर्देश दिए‚ जिससे मामले का जल्द निस्तारण किया जा सके।