उच्च प्राथमिक स्कूलों में सात साल बाद होगी सीधी भर्ती , चयन होगा लिखित परीक्षा से, पिछली भर्ती 2013 में हुई थी , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
यूपी टीईटी की उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा में शामिल होने वालों के लिए खुशखबरी है। सात वर्ष बाद लाखों अभ्यर्थियों को अशासकीय सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूल की सीधी भर्ती में शामिल होने का मौका मिलेगा। इधर लंबे समय से उच्च प्राथमिक स्कूलों में सीधी भर्ती न होने के बाद भी हर साल बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होकर उसे उत्तीर्ण करते आ रहे हैं। भर्ती के पद अभी तय नहीं हैं, जल्द ही तस्वीर साफ होगी। पहली बार लिखित परीक्षा के जरिए चयन होना है।
यूपी टीईटी 2011 से हो रही है, एक वर्ष को छोड़कर हर साल यह परीक्षा दो स्तरों के लिए होती है। प्राथमिक स्तर व उच्च प्राथमिक स्तर के लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शिरकत करते आ रहे हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों के लिए सहायक अध्यापकों की तमाम भर्तियां हो चुकी हैं, लेकिन उच्च प्राथमिक स्तर पर 2013 में केवल एक भर्ती विज्ञान व गणित 29334 शिक्षकों की हुई है। उसके बाद नियमावली में संशोधन कर दिया गया कि उच्च प्राथमिक स्कूलों के पद प्रमोशन से ही भरे जाएंगे।
इस वर्ष भी 5,69,174 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया और 92 प्रतिशत से अधिक परीक्षा में शामिल भी हुए हैं। शासन ने पहली जनवरी को प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूलों के लिए प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक भर्ती चयन का आदेश दिया है। फिलहाल भर्ती की लिखित परीक्षा कराने का जिम्मा परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को सौंपा गया है, उप्र शिक्षा सेवा आयोग बनने के बाद यह भर्ती उसके जिम्मे होगी। इसमें उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी उत्तीर्ण होने का प्रमाणपत्र जरूरी होगा। जल्द ही जिलों से प्रधानाध्यापक व सहायक शिक्षकों के पद मांगे जाएंगे।
इन पदों पर भर्ती
भाषा, सामाजिक विज्ञान, गणित और विज्ञान के शिक्षकों की निकलेगी भर्ती, प्रधानाध्यापक पद भी भरे जाएंगे।
प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक के चयन का जिम्मा परीक्षा नियामक प्राधिकारी को मिला है, जिलों से जल्द रिक्त पद मांगेंगे और उसके बाद चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
अनिल भूषण चतुर्वेदी, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र प्रयागराज
यूपी टीईटी की उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा में शामिल होने वालों के लिए खुशखबरी है। सात वर्ष बाद लाखों अभ्यर्थियों को अशासकीय सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूल की सीधी भर्ती में शामिल होने का मौका मिलेगा। इधर लंबे समय से उच्च प्राथमिक स्कूलों में सीधी भर्ती न होने के बाद भी हर साल बड़ी संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होकर उसे उत्तीर्ण करते आ रहे हैं। भर्ती के पद अभी तय नहीं हैं, जल्द ही तस्वीर साफ होगी। पहली बार लिखित परीक्षा के जरिए चयन होना है।
यूपी टीईटी 2011 से हो रही है, एक वर्ष को छोड़कर हर साल यह परीक्षा दो स्तरों के लिए होती है। प्राथमिक स्तर व उच्च प्राथमिक स्तर के लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शिरकत करते आ रहे हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों के लिए सहायक अध्यापकों की तमाम भर्तियां हो चुकी हैं, लेकिन उच्च प्राथमिक स्तर पर 2013 में केवल एक भर्ती विज्ञान व गणित 29334 शिक्षकों की हुई है। उसके बाद नियमावली में संशोधन कर दिया गया कि उच्च प्राथमिक स्कूलों के पद प्रमोशन से ही भरे जाएंगे।
इस वर्ष भी 5,69,174 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया और 92 प्रतिशत से अधिक परीक्षा में शामिल भी हुए हैं। शासन ने पहली जनवरी को प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूलों के लिए प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक भर्ती चयन का आदेश दिया है। फिलहाल भर्ती की लिखित परीक्षा कराने का जिम्मा परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को सौंपा गया है, उप्र शिक्षा सेवा आयोग बनने के बाद यह भर्ती उसके जिम्मे होगी। इसमें उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी उत्तीर्ण होने का प्रमाणपत्र जरूरी होगा। जल्द ही जिलों से प्रधानाध्यापक व सहायक शिक्षकों के पद मांगे जाएंगे।
इन पदों पर भर्ती
भाषा, सामाजिक विज्ञान, गणित और विज्ञान के शिक्षकों की निकलेगी भर्ती, प्रधानाध्यापक पद भी भरे जाएंगे।
प्रदेश के अशासकीय सहायताप्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक के चयन का जिम्मा परीक्षा नियामक प्राधिकारी को मिला है, जिलों से जल्द रिक्त पद मांगेंगे और उसके बाद चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
अनिल भूषण चतुर्वेदी, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र प्रयागराज