68500 शिक्षक भर्ती ::: 68500 भर्ती की शिक्षिकाओं को मिलेगी अंतर जनपदीय तबादले में मनचाही तैनाती! , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की अंतर जिला तबादले की नीति जारी हो चुकी है। इसमें शिक्षकों को तीन वर्ष और शिक्षिकाओं को एक वर्ष की सेवा पूरी करने पर आवेदक बनने का मौका दिया गया है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में नियुक्ति पा चुकी शिक्षिकाओं को यह अवसर मिलेगा या नहीं? वे अपने गृह जिले में जाने के लिए आवेदन कर सकेंगी या नहीं इस पर शासनादेश में स्पष्ट निर्देश नहीं है।
नीति जारी होते ही शिक्षकों के बीच इसकी चर्चा इसलिए तेज है, क्योंकि तमाम अभ्यर्थियों को शिक्षक-शिक्षिका बनने का मौका पांच सितंबर 2018 को मिला था। उस लिहाज से पुरुष शिक्षक दावेदारी नहीं कर सकते लेकिन, शिक्षिकाओं के आवेदन की मियाद पूरी हो रही है। हालांकि पिछले वर्ष जिन शिक्षकों को नियुक्ति दी गई थी, उनसे शपथपत्र लिया गया था कि वे भविष्य में अंतर जिला तबादले की दावेदारी नहीं करेंगे। इस शपथपत्र को आधार बनाया जाए तो शिक्षिकाएं आवेदक नहीं बन सकती। लेकिन, बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 72825 शिक्षकों की भर्ती में ही यह नियम टूट चुका है।
परिषदीय स्कूलों में 72825 सहायक अध्यापकों की भर्ती का शासनादेश 27 सितंबर 2011 को जारी हुआ था। उसमें मौलिक नियुक्ति के ¨बदु दस पर स्पष्ट रूप से लिखा है कि ‘इस विज्ञापन के क्रम में जिन अभ्यर्थियों की जिस जनपद के लिए चयन के बाद नियुक्ति की जाएगी, उनका अंतर जिला स्थानांतरण जनपदीय संवर्ग होने के कारण अनुमन्य नहीं होगा।’ इस भर्ती में चयनितों को 2015 से नियुक्ति मिलना शुरू हुई। शिक्षा महकमे के सूत्रों की मानें तो 2018 के अंतर जिला तबादलों में शिक्षिकाओं ने तीन वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद आवेदन किया और कई को मनचाही तैनाती दी गई।
प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की अंतर जिला तबादले की नीति जारी हो चुकी है। इसमें शिक्षकों को तीन वर्ष और शिक्षिकाओं को एक वर्ष की सेवा पूरी करने पर आवेदक बनने का मौका दिया गया है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में नियुक्ति पा चुकी शिक्षिकाओं को यह अवसर मिलेगा या नहीं? वे अपने गृह जिले में जाने के लिए आवेदन कर सकेंगी या नहीं इस पर शासनादेश में स्पष्ट निर्देश नहीं है।
नीति जारी होते ही शिक्षकों के बीच इसकी चर्चा इसलिए तेज है, क्योंकि तमाम अभ्यर्थियों को शिक्षक-शिक्षिका बनने का मौका पांच सितंबर 2018 को मिला था। उस लिहाज से पुरुष शिक्षक दावेदारी नहीं कर सकते लेकिन, शिक्षिकाओं के आवेदन की मियाद पूरी हो रही है। हालांकि पिछले वर्ष जिन शिक्षकों को नियुक्ति दी गई थी, उनसे शपथपत्र लिया गया था कि वे भविष्य में अंतर जिला तबादले की दावेदारी नहीं करेंगे। इस शपथपत्र को आधार बनाया जाए तो शिक्षिकाएं आवेदक नहीं बन सकती। लेकिन, बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 72825 शिक्षकों की भर्ती में ही यह नियम टूट चुका है।
परिषदीय स्कूलों में 72825 सहायक अध्यापकों की भर्ती का शासनादेश 27 सितंबर 2011 को जारी हुआ था। उसमें मौलिक नियुक्ति के ¨बदु दस पर स्पष्ट रूप से लिखा है कि ‘इस विज्ञापन के क्रम में जिन अभ्यर्थियों की जिस जनपद के लिए चयन के बाद नियुक्ति की जाएगी, उनका अंतर जिला स्थानांतरण जनपदीय संवर्ग होने के कारण अनुमन्य नहीं होगा।’ इस भर्ती में चयनितों को 2015 से नियुक्ति मिलना शुरू हुई। शिक्षा महकमे के सूत्रों की मानें तो 2018 के अंतर जिला तबादलों में शिक्षिकाओं ने तीन वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद आवेदन किया और कई को मनचाही तैनाती दी गई।