यूपी पुलिस 49568 सिपाही भर्ती में फर्जीवाड़े से भर्ती होने की कोशिश कर रहे युवक ने पूछताछ में किया खुलासा , उम्र ज्यादा होने पर भाई के दस्तावेज से पास की परीक्षा , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
पुलिस एवं पीएसी की आरक्षी भर्ती अक्तूबर-2018 परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थियों के पकड़े जाने का सिलसिला जारी है। बृहस्पतिवार को तीन और फर्जी अभ्यर्थी पकड़ लिए गए। इनमें एक अभ्यर्थी ने उम्र ज्यादा होने पर अपने भाई के प्रमाणपत्र लगाकर परीक्षा पास की थी।
आगरा में पुलिस एवं पीएसी की आरक्षी भर्ती अक्तूबर-2018 परीक्षा की अभिलेखीय समीक्षा व शारीरिक मानक परीक्षण 28 नवंबर से पुलिस लाइन में चल रहा है। तीन दिन में अब तक 12 पकड़े जा चुके हैं। भर्ती परीक्षा में पुलिस की सतर्कता के बीच मुन्नाभाई भी सक्रिय हैं।
उन्होंने अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लिया था। लेकिन, जांच में पकड़े गए थे। इसके बाद पुलिस की सतर्कता बढ़ा दी गई थी। इसके बावजूद बुधवार को एक और फर्जी अभ्यर्थी पकड़ा गया था। बृहस्पतिवार को तीन फर्जी अभ्यर्थी और पकड़े गए।
एसपी ट्रैफिक प्रशांत कुमार ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में मथुरा के नौहझील स्थित तिलका गढ़ी निवासी देवेंद्र सिंह, फिरोजाबाद के नसीरपुर स्थित अब्बासपुर निवासी आकाश कुमार और मथुरा के बलदेव स्थित सेदपुर निवासी रवि कुमार हैं। इन्हें फोटो मिलान में पकड़ लिया गया। आरोपियों को थाना शाहगंज पुलिस के हवाले कर दिया गया है। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
भाई के दस्तावेज लगाकर पास की परीक्षा
पुलिस की पूछताछ में रवि कुमार ने बताया कि वो पुलिस में नौकरी करना चाहता था। तीन बार पहले भी परीक्षा दे चुका है, लेकिन सफल नहीं हो सका। इस कारण उसकी उम्र अधिक हो गई। वो फार्म भी नहीं भर सकता था। इस बार उसने अपने भाई राम प्रकाश के नाम से फार्म भर दिया।
उसके ही दस्तावेज भी लगा दिए। परीक्षा में पास भी हो गया। अभिलेखों की जांच के दौरान पकड़ा गया। उसकी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट पर नाम की जगह आरपी लिखा हुआ था। इस कारण पुलिस ने पूछताछ की तो उसने सच बोल दिया। मार्कशीट की भी जांच कराई जाएगी।
सॉल्वर ने दी परीक्षा, अभिलेखीय समीक्षा में आया खुद
आरोपी देवेंद्र सिंह ने परीक्षा में पास कराने का ठेका रायपुर, मथुरा के भूरा को सात लाख रुपये में दिया था। भूरा ने बिहार से रंजीत नाम के सॉल्वर को बुलाया था। उसने परीक्षा में पास करा दिया। इसके बाद देवेंद्र बृहस्पतिवार को अभिलेखीय समीक्षा में खुद आ गया था। फोटो और बायोमेट्रिक सत्यापन में पकड़ लिया गया। उधर, आकाश कुमार अपने चचेरे भाई प्रेम कुमार की जगह पर परीक्षा देने आया था।