सीटीईटी 2019 ::: प्रयागराज में 63 परीक्षा केन्द्रो पर 90 फीसदी उपस्तिथि के साथ अभ्यर्थियों ने दी परीक्षा , शिक्षण अभिरुचि के सवालो में उलझे अभ्यर्थी , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
जिले के 83 केंद्रों में रविवार को आयोजित केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में शिक्षण अभिरुचि सवालों ने अभ्यर्थियों को उलझाया। शिक्षक बनने के बाद अभ्यर्थियों को जिन परिस्थितियों का सामना करना होगा, उन पर आधारित सवालों की अधिकता रही। हालांकि, पेपर संतुलित रहा। प्रयागराज में अभ्यर्थियों की उपस्थिति 90 फीसदी रही।
परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई। सुबह 9.30 से दोपहर 12 बजे की पहली पाली में प्राथमिक स्तर और अपराह्न दो से शाम 4.30 बजे की दूसरी पाली में उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा आयोजित किया गया। दोनों पालियों की परीक्षा के लिए प्रयागराज में कुल 83 केंद्र बनाए गए थे और एक लाख एक हजार 58 अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होना था। इनमें से तकरीबन 93 हजार अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए।
अभ्यर्थियों के मुताबिक प्राथमिक स्तर की परीक्षा में ज्यादातर सवाल शिक्षण अभिरुचि से जुड़े हुए थे। परिस्थिति आधारित इन सवालों का जवाब देने में अभ्यर्थियों को मशक्कत करनी पड़ेगी, क्योंकि विकल्प के रूप में दिए गए जवाब एक-दूसरे से काफी मेल खा रहे थे। हालांकि कुल मिलाकर अभ्यर्थियों को पर संतुलित लगा। सवाल पूछा गया कि निम्नलिखित में से कौन क्रियाकलाप बच्चों में त्रिविम समझ को विकसित करने के लिए अधिक उपयुक्त है? जवाब के रूप में इसके चार विकल्प थे। पहला था, ‘मानचित्र पर शहरों का स्थान निर्धारण करना।’ दूसरा था, ‘चंद्रमा के उदय होने का समय लिखना।’ तीसरा था ‘संख्याओं को संख्या रेखा पर निरूपित करना।’ चौथा विकल्प था, ‘बोतल के ऊपरी दृश्य को चित्रित करना।’
एक सवाल था कि निम्न में से गणित में उपलब्धि कम होने का कारण क्या हो सकता है? इसके चार विकल्प थे, ‘सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि’, ‘गणित का स्वरूप’, ‘व्यक्ति की स्वाभाविक क्षमता’ एवं ‘लिंग’। इसके अलावा सवाल पूछे गए, ‘प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों को गणित पढ़ाने के लिए बनाई जाने वाली पाठ योजना का निम्न में से कौन सा अतिमहत्वपूर्ण पहलू है?’, ‘पठनवैफल्य’ बच्चों के प्राथमिक लक्षण क्या हैं?, ‘शिक्षा का अधिकार अध्िनियम 2009 में उल्लेख की गई समोवशी शिक्षा की अवधारणा निम्नलिखित में किस पर आधारित है?’, ‘विद्यार्थियों को स्पष्ट उदाहरण एवं गैर उदाहरण देने के क्या परिणाम हैं?’, ‘प्राथमिक स्तर पर ज्यामिति के अध्यापन के लिए वांछनीय प्रक्रिया पहचानिए।’