अब प्रशिक्षुओं को भत्ता मिलेगा Rs9000 , सरकार ने प्रशिक्षु कानून में बदलाव अधिसूचित किया , पांचवीं से नौवीं कक्षा पास ट्रेनी को मिलेंगे 5000 रपए , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
सरकार ने प्रशिक्षु नियमों (1992) में बदलावों को अधिसूचित कर दिया है। इसका मकसद देश में कुशल श्रमबल को बढ़ाना और प्रशिक्षुओं की वृत्तिका में वृद्धि करना है।प्रशिक्षु (संशोधन) नियम, 2019 के तहत किसी प्रतिष्ठान में प्रशिक्षुओं की भर्ती की सीमा को बढ़ाकर उस संस्थान की कुल क्षमता के 15 प्रतिशत के बराबर किया जाएगा। साथ ही प्रशिक्षुओं को दी जाने वाली वृत्तिका को बढ़ाकर 9,000 रपए मासिक तक किया जाएगा। इसके अलावा अनिवार्य प्रतिबद्धता के तहत प्रशिक्षुओं की सेवाएं लेने के लिए किसी प्रतिष्ठान के आकार की सीमा को भी 40 से घटाकर 30 किया गया है। इसके अलावा प्रशिक्षुओं की सेवाएं लेने के इच्छुक प्रतिष्ठान के लिए इस सीमा को छह से घटाकर चार किया गया है। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने सोमवार को यहां एक कार्यक्रम के मौके पर अलग से बातचीत में कहा कि प्रशिक्षु कानून में उल्लेखनीय बदलाव किए गए है। इसमें न्यूनतम वृत्तिका को लगभग दोगुना कर 5,000 रपए से 9,000 रपए तक मासिक किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षुओं की संख्या बढ़कर 2.6 लाख पर पहुंच जाने की उम्मीद है। अभी यह आंकड़ा 60,000 का है।मंत्री ने कहा कि देश की आठ से दस प्रतिशत आबादी अब कुशल बन चुकी है, जबकि पहले यह आंकड़ा चार से पांच प्रतिशत था। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ये आंकड़े विभिन्न स्रेतों से जुटाई गई जानकारी पर आधारित हैं। ये आंकड़े संगठित क्षेत्र से जुड़े हैं। पांडेय ने कहा कि यदि इसमें असंगठित क्षेत्र को भी जोड़ दिया जाए, तो यह आंकड़ा 50 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा। नए नियमों के तहत पांचवीं से नौवीं कक्षा तक स्कूली शिक्षा प्राप्त प्रशिक्षुओं को 5,000 रुपये मासिक वृत्तिका दी जाएगा। स्नातक या डिग्रीधारी प्रशिक्षु को 9,000 रुपये तक मासिक प्राप्त होंगे।
स्नातक पास प्रशिक्षुओं को मिलेगा नौ हजार का भत्ताकिसी भी संस्थान में प्रशिक्षुओं की भर्ती की सीमा भी बढ़ीकुल क्षमता का 15 फीसद तक ट्रेनी रख सकेंगे संस्थानकौशल विकास कार्यक्रम से बढ़ा है प्रशिक्षित श्रम बलक्ष्ससे कंपनियों को मिल सकेंगे ज्यादा योग्य प्रशिक्षु
प्रशिक्षु कानून में उल्लेखनीय बदलाव किए गए हैं। इसमें न्यूनतम वृत्तिका को लगभग दोगुना कर 5,000 रपए से 9,000 रपए तक मासिक किया गया है-कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय
सरकार ने प्रशिक्षु नियमों (1992) में बदलावों को अधिसूचित कर दिया है। इसका मकसद देश में कुशल श्रमबल को बढ़ाना और प्रशिक्षुओं की वृत्तिका में वृद्धि करना है।प्रशिक्षु (संशोधन) नियम, 2019 के तहत किसी प्रतिष्ठान में प्रशिक्षुओं की भर्ती की सीमा को बढ़ाकर उस संस्थान की कुल क्षमता के 15 प्रतिशत के बराबर किया जाएगा। साथ ही प्रशिक्षुओं को दी जाने वाली वृत्तिका को बढ़ाकर 9,000 रपए मासिक तक किया जाएगा। इसके अलावा अनिवार्य प्रतिबद्धता के तहत प्रशिक्षुओं की सेवाएं लेने के लिए किसी प्रतिष्ठान के आकार की सीमा को भी 40 से घटाकर 30 किया गया है। इसके अलावा प्रशिक्षुओं की सेवाएं लेने के इच्छुक प्रतिष्ठान के लिए इस सीमा को छह से घटाकर चार किया गया है। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने सोमवार को यहां एक कार्यक्रम के मौके पर अलग से बातचीत में कहा कि प्रशिक्षु कानून में उल्लेखनीय बदलाव किए गए है। इसमें न्यूनतम वृत्तिका को लगभग दोगुना कर 5,000 रपए से 9,000 रपए तक मासिक किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षुओं की संख्या बढ़कर 2.6 लाख पर पहुंच जाने की उम्मीद है। अभी यह आंकड़ा 60,000 का है।मंत्री ने कहा कि देश की आठ से दस प्रतिशत आबादी अब कुशल बन चुकी है, जबकि पहले यह आंकड़ा चार से पांच प्रतिशत था। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ये आंकड़े विभिन्न स्रेतों से जुटाई गई जानकारी पर आधारित हैं। ये आंकड़े संगठित क्षेत्र से जुड़े हैं। पांडेय ने कहा कि यदि इसमें असंगठित क्षेत्र को भी जोड़ दिया जाए, तो यह आंकड़ा 50 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा। नए नियमों के तहत पांचवीं से नौवीं कक्षा तक स्कूली शिक्षा प्राप्त प्रशिक्षुओं को 5,000 रुपये मासिक वृत्तिका दी जाएगा। स्नातक या डिग्रीधारी प्रशिक्षु को 9,000 रुपये तक मासिक प्राप्त होंगे।
स्नातक पास प्रशिक्षुओं को मिलेगा नौ हजार का भत्ताकिसी भी संस्थान में प्रशिक्षुओं की भर्ती की सीमा भी बढ़ीकुल क्षमता का 15 फीसद तक ट्रेनी रख सकेंगे संस्थानकौशल विकास कार्यक्रम से बढ़ा है प्रशिक्षित श्रम बलक्ष्ससे कंपनियों को मिल सकेंगे ज्यादा योग्य प्रशिक्षु
प्रशिक्षु कानून में उल्लेखनीय बदलाव किए गए हैं। इसमें न्यूनतम वृत्तिका को लगभग दोगुना कर 5,000 रपए से 9,000 रपए तक मासिक किया गया है-कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय