प्रदेश में अब गुड़ नहीं , वेरी गुड़ होगा बाबुओ के प्रमोशन का पैमाना , हर विभाग में बनेगी स्क्रीनिंग कमिटी , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट

प्रदेश में अब गुड़ नहीं , वेरी गुड़ होगा बाबुओ के प्रमोशन का पैमाना , हर विभाग में बनेगी स्क्रीनिंग कमिटी , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट 



दो साल तक तमाम विकल्पों पर लंबे विचार-विमर्श के बाद केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को हर साल मिलने वाले प्रमोशन या डिमोशन की प्रक्रिया तय कर दी है। इसके बारे में स्पष्टता नहीं रहने से कर्मचारियों ने कई बार अंसतोष जताया था। मालूम हो कि सातवें वेतन आयोग के बाद केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए एसीपी (अर्श्योड करियर प्रोगेशन) में बदलाव किया था। इसमें कहा गया था कि जिनका काम पैमानों पर खरा नहीं उतरेगा, उनका अप्रेजल या इंक्रिमेंट नहीं होगा। साथ ही नियमित प्रोमोशन पर भी इसका असर पड़ेगा। पहले गुड रहने पर इनक्रिमेंट और प्रामोशन मिलता था। अब इसके लिए पैमाने को वेरी गुड कर दिया गया है।


कोर्ट भी गए कर्मचारी


नोटिफिकेशन में हालांकि यह भी स्पष्ट किया गया गया है कि पहले की तरह 10 साल, 20 और 30 साल सर्विस पूरा होने पर पहले से एमएसीपी के तहत प्रमोशन की नीति जारी रखी जाएगी या नहीं। सूत्रों के अनुसार,सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारी ग्रेडिंग के नाम पर मामले को अदालत तक नहीं ले जाएं,सरकार ने इसके लिए उनके अप्रेजल सिस्टम को पूरी तरह पारदर्शी रखने की तैयारी की है। सरकार ने सभी विभागों और मंत्रालयों से कहा है कि कर्मचारियों के कामकाज पर आधारित गुप्त रिपोर्ट पूरी तरह तथ्यों और उनके प्रदर्शन के ईमानदार आकलन पर आधारित हो। इसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग की ओर से सभी अधिकारियों को विस्तार से अडवाइजरी भेजी गई है।


नीति स्पष्ट करने की मांग थी

सरकार की इस प्रोमोशन नीति का कर्मचारियों ने विरोध किया था और इस बारे में और स्पष्टता लाने की अपील की गई थी। सरकार ने भी माना था कि इसके लिए अलग से कोई सिस्टम नहीं बनाया गया था। बाद में सरकार ने एक कमिटी बनाकर उसे सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में किस तरह लागू किया जाए, इसके लिए सुझाव देने को कहा था। उसी सझाव के अनुरूप यह स्क्रीनिंग कमिटी बनाई गई है।
गुरुवार को डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार, हर मिनिस्ट्री और विभाग में एक स्क्रीनिंग कमिटी बनानी होगी, जो अधिकारियों और कर्मचारियों का सालाना प्रमोशन तय करगी। इसमें एक चेयरपर्सन होगा जो नियोक्ता स्तर का अधिकारी होगा। इसके अलावा इसमें दो मेंबर होंगे। कमिटी साल में तय समय पर दो बार मीटिंग करेगी। एक अप्रैल-मई में और दूसरा दिसंबर में। इस प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है और दिसंबर में इसी प्रक्रिया के तहत लाखों कर्मचारियों का सालाना प्रमोशन होगा।


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