SC /ST को नौकरी देने पर कंपनियों को प्रोत्साहन , योजना पर विचार कर रही है सरकार , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
श्रम मंत्रालय सकारात्मक पहल करते हुए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को रोजगार देने वाली सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को प्रोत्साहन देने पर विचार कर रहा है। समझा जाता है कि श्रम मंत्रालय ने इस बारे में एक प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया है। सकारात्मक पहल के तहत उद्योग संगठन स्वैच्छिक रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को समान अवसर देने की प्रतिबद्धता जताते है।भारतीय उद्योग परिसंघ और एसोचैम जैसे उद्योग मंडलों ने औपचारिक रूप से इस अवधारणा को अपनाया है। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने यहां कहा, ‘‘हम सकारात्मक पहल के तहत विभिन्न प्रस्तावों पर लगातार विचार करते रहते हैं।’ उनसे पूछा गया था कि क्या उनका मंत्रालय सकारात्मक पहल के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को नौकरी देने के लिए किसी तरह का प्रोत्साहन देने पर विचार कर रहा है।हम इसके बारे में ब्योरा लेने के बाद इस प्रस्ताव के पूरे तौर तरीके के बारे में बता सकते हैं। हमें अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श के दौरान कई तरह के सुझाव मिलते रहते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने 136 क्षेत्रीय कार्यालयों के जरिये सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में काम करने वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के आंकड़े जुटा रहा है।
श्रम मंत्रालय सकारात्मक पहल करते हुए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को रोजगार देने वाली सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को प्रोत्साहन देने पर विचार कर रहा है। समझा जाता है कि श्रम मंत्रालय ने इस बारे में एक प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया है। सकारात्मक पहल के तहत उद्योग संगठन स्वैच्छिक रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को समान अवसर देने की प्रतिबद्धता जताते है।भारतीय उद्योग परिसंघ और एसोचैम जैसे उद्योग मंडलों ने औपचारिक रूप से इस अवधारणा को अपनाया है। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने यहां कहा, ‘‘हम सकारात्मक पहल के तहत विभिन्न प्रस्तावों पर लगातार विचार करते रहते हैं।’ उनसे पूछा गया था कि क्या उनका मंत्रालय सकारात्मक पहल के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को नौकरी देने के लिए किसी तरह का प्रोत्साहन देने पर विचार कर रहा है।हम इसके बारे में ब्योरा लेने के बाद इस प्रस्ताव के पूरे तौर तरीके के बारे में बता सकते हैं। हमें अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श के दौरान कई तरह के सुझाव मिलते रहते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने 136 क्षेत्रीय कार्यालयों के जरिये सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में काम करने वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के आंकड़े जुटा रहा है।