बाराबंकी : स्कूलों में शिक्षकों की निगरानी के लिए लाए जा रहे ऐप के विरोध में धरना , कहा 'निजता का हनन करेगा प्रेरणा ऐप' , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में शिक्षकों की निगरानी के लिए लाए जा रहे प्रेरणा ऐप के खिलाफ बुधवार को धरना-प्रदर्शन हुआ। गन्ना कार्यालय परिसर में जुटे शिक्षकों ने सरकार के फैसले का विरोध किया। ऐप को निजता का हनन करने वाला बताते हुए वापस लेने की मांग उठाई गई।
प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि प्रेरणा ऐप को किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। अध्यक्ष के अनुसार शिक्षक अपने दायित्व पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं। इसके बावजूद मांगों और समस्याओं की अनदेखी कर सरकार और विभाग मनमाने तरीके से अनुपयोगी व्यवस्था लागू कर रहा है। प्रेरणा ऐप में इस्तेमाल करने वाले की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं है। ऐसे में यह शिक्षकों के अपमान के साथ ही संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक और निजता के अधिकारों का हनन है।
जिलाध्यक्ष डॉ. राकेश सिंह ने ऐप का विरोध करने के साथ ही सभी शिक्षकों से ऐप अपलोड न करने की अपील की। इसके साथ ही शिक्षकों द्वारा सेल्फी न भेजने का ऐलान भी किया गया। धरने के दौरान 22 सूत्री मांगपत्र डीएम के प्रतिनिधि के तौर पर नायब तहसीलदार को सौंपा गया। इस मौके पर जिला मंत्री उमानाथ सिंह, राजेश श्रीवास्तव, राकेश सिंह, डॉ. देवेंद्र द्विवेदी, किरन विश्वकर्मा, विजय बहादुर सिंह, देवानंद तिवारी व विवेक गुप्ता मौजूद रहे।
बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में शिक्षकों की निगरानी के लिए लाए जा रहे प्रेरणा ऐप के खिलाफ बुधवार को धरना-प्रदर्शन हुआ। गन्ना कार्यालय परिसर में जुटे शिक्षकों ने सरकार के फैसले का विरोध किया। ऐप को निजता का हनन करने वाला बताते हुए वापस लेने की मांग उठाई गई।
प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि प्रेरणा ऐप को किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। अध्यक्ष के अनुसार शिक्षक अपने दायित्व पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं। इसके बावजूद मांगों और समस्याओं की अनदेखी कर सरकार और विभाग मनमाने तरीके से अनुपयोगी व्यवस्था लागू कर रहा है। प्रेरणा ऐप में इस्तेमाल करने वाले की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं है। ऐसे में यह शिक्षकों के अपमान के साथ ही संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक और निजता के अधिकारों का हनन है।
जिलाध्यक्ष डॉ. राकेश सिंह ने ऐप का विरोध करने के साथ ही सभी शिक्षकों से ऐप अपलोड न करने की अपील की। इसके साथ ही शिक्षकों द्वारा सेल्फी न भेजने का ऐलान भी किया गया। धरने के दौरान 22 सूत्री मांगपत्र डीएम के प्रतिनिधि के तौर पर नायब तहसीलदार को सौंपा गया। इस मौके पर जिला मंत्री उमानाथ सिंह, राजेश श्रीवास्तव, राकेश सिंह, डॉ. देवेंद्र द्विवेदी, किरन विश्वकर्मा, विजय बहादुर सिंह, देवानंद तिवारी व विवेक गुप्ता मौजूद रहे।