69000 शिक्षक भर्ती कटऑफ मुद्दा ::: 'मेरिट को तवज्जो देने के लिए संशोधित किया था शासनादेश' सरकार ने कोर्ट में रखा अपना पक्ष , अगली सुनवाई कल , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा-2019 के मामले में राज्य सरकार सहित कई और विशेष अपीलों मंगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने एकल पीठ के आदेश को गलत बताया और कहा कि सरकार ने मेरिट को तवज्जो देने के लिए शासनादेश में संशोधन किया था। याचिका पर लंबी बहस चली, लेकिन समय की कमी के कारण दोनों पक्षों की बहस पूरी नहीं हो सकीं। इस पर जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल व जस्टिस इरशाद अली की बेंच ने अगली सुनवाई के लिए 26 सितंबर का दिन तय किया है।
गौर रहे कि विशेष अपीलों में एकल पीठ द्वारा 30 मार्च-2019 को पारित उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें कोर्ट ने सरकार के 7 जनवरी 2019 के शासनादेश को रद कर दिया था। सरकार को आदेश दिया गया था कि 1 दिसंबर और 5 दिसंबर 2018 को इस परीक्षा को करवाने संबंधी शासनादेशों का अनुपालन करते हएु सहायक शिक्षक भर्ती-2018 के अनुसार मेरिट बनाकर रिजल्ट जारी किया जाए। एकल पीठ ने सचिव, बेसिक शिक्षा द्वारा जारी शासनादेश को रद कर दिया था, जिसमें 6 जनवरी 2019 को हुई लिखित परीक्षा के बाद क्वॉलिफाइंग मार्क्स 65 से 60 प्रतिशत कर दिया गया था।
69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा-2019 के मामले में राज्य सरकार सहित कई और विशेष अपीलों मंगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने एकल पीठ के आदेश को गलत बताया और कहा कि सरकार ने मेरिट को तवज्जो देने के लिए शासनादेश में संशोधन किया था। याचिका पर लंबी बहस चली, लेकिन समय की कमी के कारण दोनों पक्षों की बहस पूरी नहीं हो सकीं। इस पर जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल व जस्टिस इरशाद अली की बेंच ने अगली सुनवाई के लिए 26 सितंबर का दिन तय किया है।
गौर रहे कि विशेष अपीलों में एकल पीठ द्वारा 30 मार्च-2019 को पारित उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें कोर्ट ने सरकार के 7 जनवरी 2019 के शासनादेश को रद कर दिया था। सरकार को आदेश दिया गया था कि 1 दिसंबर और 5 दिसंबर 2018 को इस परीक्षा को करवाने संबंधी शासनादेशों का अनुपालन करते हएु सहायक शिक्षक भर्ती-2018 के अनुसार मेरिट बनाकर रिजल्ट जारी किया जाए। एकल पीठ ने सचिव, बेसिक शिक्षा द्वारा जारी शासनादेश को रद कर दिया था, जिसमें 6 जनवरी 2019 को हुई लिखित परीक्षा के बाद क्वॉलिफाइंग मार्क्स 65 से 60 प्रतिशत कर दिया गया था।