यूपी पुलिस खबर :::लखनऊ में 200 से अधिक पुलिसकर्मियों को मिली राहत, नई बैरकों में शिफ्ट एसएसपी के आदेश के बाद लिया गया निर्णय , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
पुलिस लाइन में अंग्रेजों के जमाने की कंडम हो चुकी बैरकों में रह रहे 200 से अधिक पुलिसकर्मियों के लिए राहत भरी खबर है। एसएसपी के आदेश के साथ सभी पुलिसकर्मियों को नई बैरकों में शिफ्ट कर दिया गया है। ‘कंडम बैरकों में रहने को मजबूर पुलिसकर्मी’ शीर्षक से दैनिक जागरण ने पूर्व में खबर भी प्रकाशित की थी।
खतरों के बीच कंडम बैरकों में पुलिसकर्मी दिन काट रहे थे। नई बैरकों के बनने के बावजूद 200 से अधिक पुलिसकर्मी कंडम बैरकों में रह रहे थे, जो कभी भी उनके लिए खतरे का सबब बन सकतीं थीं। नई बैरकों में अधिकांश बेड खाली पड़े थे। संगोष्ठी सदन के बगल कंडम घोषित बैरक नंबर नौ को तो पहले ही खाली करा लिया गया था, लेकिन कंडम बैरक नंबर आठ और सात में अभी भी पुलिसकर्मी रह रहे थे। बाहर प्रस्तावित बहुमंजिला इमारत का चार साल से बोर्ड लगा है, लेकिन इमारत यहां अभी भी नहीं बनी। फिलहाल एसएसपी कलानिधि नैथानी के आदेश के बाद कंडम बैरकों से सभी पुलिसकर्मियों को नई बैरकों में शिफ्ट कर दिया गया।
यह था नजारा : संगोष्ठी सदन के ठीक बगल कंडम बैरकों के टूटी छत के नीचे पुलिसकर्मी रहते थे। यहां दीवारों में जगह-जगह से दरारें थीं और टिन शेड की बनी हुई छत कभी भी गिरने की ओर इशारा कर रही थी। छतों के हुक में कुछ पंखे तो लगे थे, लेकिन खराब थे, खुले तार हादसे हादसे की ओर इशारा कर रहे थे। गंदगी तो इतनी थी कि मानो सालों से सफाई न हुई हो।
पुलिस लाइन में अंग्रेजों के जमाने की कंडम हो चुकी बैरकों में रह रहे 200 से अधिक पुलिसकर्मियों के लिए राहत भरी खबर है। एसएसपी के आदेश के साथ सभी पुलिसकर्मियों को नई बैरकों में शिफ्ट कर दिया गया है। ‘कंडम बैरकों में रहने को मजबूर पुलिसकर्मी’ शीर्षक से दैनिक जागरण ने पूर्व में खबर भी प्रकाशित की थी।
खतरों के बीच कंडम बैरकों में पुलिसकर्मी दिन काट रहे थे। नई बैरकों के बनने के बावजूद 200 से अधिक पुलिसकर्मी कंडम बैरकों में रह रहे थे, जो कभी भी उनके लिए खतरे का सबब बन सकतीं थीं। नई बैरकों में अधिकांश बेड खाली पड़े थे। संगोष्ठी सदन के बगल कंडम घोषित बैरक नंबर नौ को तो पहले ही खाली करा लिया गया था, लेकिन कंडम बैरक नंबर आठ और सात में अभी भी पुलिसकर्मी रह रहे थे। बाहर प्रस्तावित बहुमंजिला इमारत का चार साल से बोर्ड लगा है, लेकिन इमारत यहां अभी भी नहीं बनी। फिलहाल एसएसपी कलानिधि नैथानी के आदेश के बाद कंडम बैरकों से सभी पुलिसकर्मियों को नई बैरकों में शिफ्ट कर दिया गया।
यह था नजारा : संगोष्ठी सदन के ठीक बगल कंडम बैरकों के टूटी छत के नीचे पुलिसकर्मी रहते थे। यहां दीवारों में जगह-जगह से दरारें थीं और टिन शेड की बनी हुई छत कभी भी गिरने की ओर इशारा कर रही थी। छतों के हुक में कुछ पंखे तो लगे थे, लेकिन खराब थे, खुले तार हादसे हादसे की ओर इशारा कर रहे थे। गंदगी तो इतनी थी कि मानो सालों से सफाई न हुई हो।