UPPSC ::: तेज होगी पीसीएस की वेटिंग लिस्ट की मांग , अभ्यर्थियों ने सीएम और राज्यपाल को पत्र लिखकर वेटिंग लिस्ट की मांग की , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
प्रतियोगी छात्र संघ लोकसेवा आयोग की तर्ज पर उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) से पीसीएस (सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा) की वेटिंग लिस्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं। यह मांग यूपीपीएससी अध्यक्ष तक पहुंची है लेकिन पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ। अभ्यर्थियों ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर लोकसेवा आयोग में पीसीएस की वेटिंग लिस्ट जारी करने की सुविधा देने की मांग उठाई है।
संघ लोकसेवा आयोग पीसीएस परीक्षा के परिणाम के साथ वेटिंग लिस्ट जारी करता है। इससे चयनित अगर पदभार ग्रहण नहीं करते तो वेटिंग लिस्ट में जो सबसे ऊपर होता है उसे बुलाया जाता है। जबकि यूपीपीएससी में वेटिंग लिस्ट बनती तो है लेकिन, उसे जारी करने की व्यवस्था नहीं है। यहां परीक्षा परिणाम जारी करके नियुक्ति के लिए शासन को ब्योरा भेज दिया जाता है। अगर तय संख्या से कम चयनित आते हैं और पद खाली रह जाता है तो शासन पुन: यूपीपीएससी से उसकी मांग करता है। शासन की मांग के अनुरूप यूपीपीएससी अपने पास मौजूद वेटिंग लिस्ट से चयनितों को भेजता है। इस बीच उससे जुड़ी भर्ती का नया अधियाचन आता है तो शासन में पहले से जो रिक्तियां होती हैं उसे भी उसमें समाहित करके विज्ञापन निकाला जाता है। राज्यपाल व मुख्यमंत्री को पत्र भेजने वाले प्रतियोगी छात्र अशोक पांडेय इस व्यवस्था को उचित नहीं मानते। इनका कहना है कि वेटिंग लिस्ट जारी न होने से अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति रहती है। इससे कई पद सालों तक खाली पड़े रहते हैं।
प्रतियोगी छात्र संघ लोकसेवा आयोग की तर्ज पर उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) से पीसीएस (सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा) की वेटिंग लिस्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं। यह मांग यूपीपीएससी अध्यक्ष तक पहुंची है लेकिन पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ। अभ्यर्थियों ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर लोकसेवा आयोग में पीसीएस की वेटिंग लिस्ट जारी करने की सुविधा देने की मांग उठाई है।
संघ लोकसेवा आयोग पीसीएस परीक्षा के परिणाम के साथ वेटिंग लिस्ट जारी करता है। इससे चयनित अगर पदभार ग्रहण नहीं करते तो वेटिंग लिस्ट में जो सबसे ऊपर होता है उसे बुलाया जाता है। जबकि यूपीपीएससी में वेटिंग लिस्ट बनती तो है लेकिन, उसे जारी करने की व्यवस्था नहीं है। यहां परीक्षा परिणाम जारी करके नियुक्ति के लिए शासन को ब्योरा भेज दिया जाता है। अगर तय संख्या से कम चयनित आते हैं और पद खाली रह जाता है तो शासन पुन: यूपीपीएससी से उसकी मांग करता है। शासन की मांग के अनुरूप यूपीपीएससी अपने पास मौजूद वेटिंग लिस्ट से चयनितों को भेजता है। इस बीच उससे जुड़ी भर्ती का नया अधियाचन आता है तो शासन में पहले से जो रिक्तियां होती हैं उसे भी उसमें समाहित करके विज्ञापन निकाला जाता है। राज्यपाल व मुख्यमंत्री को पत्र भेजने वाले प्रतियोगी छात्र अशोक पांडेय इस व्यवस्था को उचित नहीं मानते। इनका कहना है कि वेटिंग लिस्ट जारी न होने से अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति रहती है। इससे कई पद सालों तक खाली पड़े रहते हैं।