पुरानी पेंशन बहाली की मांग और राज्य सरकार द्वारा भत्तों में कटौती के विरोध में भड़के शिक्षक , विधानभवन का घेराव करने की करी कोशिश , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
पुरानी पेंशन बहाल करने व तदर्थ शिक्षकों को विनियमित करने सहित 10 सूत्री मांगों को लेकर माध्यमिक शिक्षकों ने बृहस्पतिवार को ओसीआर बिल्डिंग से विधानभवन की ओर कूच कर दिया, जिसे पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर बापू भवन के पास रोक लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारी शिक्षक हंगामा करने लगे, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर ईको गार्डन धरना स्थल भेज दिया। आक्रोशित शिक्षक ईको गार्डन पहुचंकर वीआईपी रोड़ जाम कर दिया। इस दौरान पुलिस ने डंडा फटकार कर भगा दिया। पूर्वाह्न लगभग 11 बजे शिक्षक उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले बलिर्ंग्टन चौराहे स्थित ओसीआर बिल्डिंग में एकत्रित होकर एक बजे शिक्षक विधायक चेत नारायण सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिक्षक नारेबाजी करते हुए विधानभवन घेराव के लिए चल दिए। सभी लोग बापू भवन के पास पहुंचे ही थे कि पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। इस दौरान पुलिस व शिक्षकों में काफी देर तक नोकझोंक हुई। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने नहीं दिया। सभी को हिरासत में लेकर इको गार्डन स्थित धरना स्थल भेज दिया। वहां भी शिक्षक धरने पर बैठ गए। सरकार विरोधी जमकर नारेबाजी की। कुछ ही देर में शिक्षकों ने सड़क पर उतरकर वीआईपी रोड जाम कर दी। करीब दो से तीन घंटे अफरा- तफरी का मच गया। जगह जगह जाम लगा रहा। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी को समझा- बुझाकर उप मुख्यमंत्री के साथ वार्ता का आश्वासन दिलाकर प्रदर्शन समाप्त कराया। शिक्षक नेता चेत नारायाण सिंह ने सरकार पर शिक्षकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि वह काफी समय से अपनी मांगों को लेकर कई वषों से आन्दोलन रत हैं, लेकिन कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है। शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के साथ वार्ता का आश्वासन मिला है। वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकला तो शिक्षक जोरदार प्रदर्शन कर विरोध जताने को बाध्य होंगे। शिक्षक नेता राज बहादुर सिंह चंदेल व उमेश द्विवेदी ने कहा कि शिक्षकों और कर्मचारियों को चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराई जाए। तदर्थ शिक्षकों को विनियमित किया जाए। सीटी/एलटी विसंगति को समाप्त किया जाए। व्यवसायिक व कम्प्यूटर अनुदेशकों को शिक्षक पद पर समायोजित किया जाए। इसके अलावा प्रोन्नति में स्नात्कोत्तर डिग्री की बाध्यता खत्म की जाए।