यूपी पुलिस के पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश अब एक सितंबर से , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
उप्र पुलिस में सुधार की बड़ी पहल आज यानी मंगलवार के बजाय एक सितंबर से लागू होगी। आकस्मिक अवकाश छोड़कर चौबीस घंटे और 365 दिन ड्यूटी से बंधे रहने वाले पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश की सौगात की पहल हुई है। पायलट प्रोजेक्ट तहत योजना बाराबंकी और कानपुर में लागू होगी। हालांकि, जिन पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश मिलेगा, उनपर कुछ बंदिशें लागू रहेंगी।
अवकाश के दिन लागू रहेंगे यह नियम: साप्ताहिक रिजर्व दिवस के दिन पुलिसकर्मी अपनी वर्दी व किट का रखरखाव करेंगे। साथ ही बावर्दी तैयार रहना पड़ेगा। बुलाए जाने पर 15 मिनट में रिपोर्टिंग करनी होगी। थाना परिसर में ही रहना होगा। मोबाइल ऑन रखना होगा। पुलिसकर्मी थाने में मौजूद है या नहीं इसका माह में दो बार रात में औचक निरीक्षण होगा। थाने पर मौजूद नहीं मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
प्रभारी व चालक को नहीं मिलेगा साप्ताहिक अवकाश: प्रोजेक्ट के तहत थानों के प्रभारी और वाहन चालकों को नए नियम से वंचित रखा गया है।
प्रोजेक्ट को एक सितंबर से लागू किया जाएगा, जिसमें आवश्यकतानुसार संशोधन भी होता रहेगा। सभी ¨बदुओं पर संशोधन के बाद ही इसे अन्य जिलों में लागू किया जाएगा।
- आरएस गौतम, एएसपी/नोडल अधिकारी
उप्र पुलिस में सुधार की बड़ी पहल आज यानी मंगलवार के बजाय एक सितंबर से लागू होगी। आकस्मिक अवकाश छोड़कर चौबीस घंटे और 365 दिन ड्यूटी से बंधे रहने वाले पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश की सौगात की पहल हुई है। पायलट प्रोजेक्ट तहत योजना बाराबंकी और कानपुर में लागू होगी। हालांकि, जिन पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश मिलेगा, उनपर कुछ बंदिशें लागू रहेंगी।
अवकाश के दिन लागू रहेंगे यह नियम: साप्ताहिक रिजर्व दिवस के दिन पुलिसकर्मी अपनी वर्दी व किट का रखरखाव करेंगे। साथ ही बावर्दी तैयार रहना पड़ेगा। बुलाए जाने पर 15 मिनट में रिपोर्टिंग करनी होगी। थाना परिसर में ही रहना होगा। मोबाइल ऑन रखना होगा। पुलिसकर्मी थाने में मौजूद है या नहीं इसका माह में दो बार रात में औचक निरीक्षण होगा। थाने पर मौजूद नहीं मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
प्रभारी व चालक को नहीं मिलेगा साप्ताहिक अवकाश: प्रोजेक्ट के तहत थानों के प्रभारी और वाहन चालकों को नए नियम से वंचित रखा गया है।
प्रोजेक्ट को एक सितंबर से लागू किया जाएगा, जिसमें आवश्यकतानुसार संशोधन भी होता रहेगा। सभी ¨बदुओं पर संशोधन के बाद ही इसे अन्य जिलों में लागू किया जाएगा।
- आरएस गौतम, एएसपी/नोडल अधिकारी