आवास विकास परिषद ::: 40 प्रतिशत कर्मी रिटायर , विकास कार्य प्रभावित , परिषद के करीब 40 प्रतिशत पद खाली , नए कर्मचारियों व अधिकारियों की नहीं हो रही भर्ती , क्लिक करे और पढ़े पूरी पोस्ट
आवास विकास परिषद के करीब 40 प्रतिशत पद खाली हो गए हैं। इनकी जगह नए कर्मचारियों व अधिकारियों की भर्ती नहीं हो रही है। कर्मचारियों व अधिकारियों की कमी का असर अब यहां के कामकाज पर भी पड़ने लगा है। निर्माण व विकास के काम भी नहीं हो पा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद में अधिकारियों, इंजीनियरों व कर्मचारियों के कुल 2,979 पद स्वीकृत हैं। परिषद इन्हीं कर्मचरियों व अधिकारियों से प्रदेश के 50 से ज्यादा जिलों में काम ले रहा था। लेकिन धीरे धीरे कर्मचारी रिटायर होते गए लेकिन इनकी जगह नयी भर्ती नहीं हो पायी। अब पता चला कि लगभग 40 प्रतिशत यानी 1,170 पद खाली हो गए हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी का आलम यह है कि एक एक अधिकारी को कई कई जिले की जिम्मेदारी दी गयी है। गोरखपुर सम्पत्ति प्रबंधक के जिम्मे बस्ती, गोरखपुर, फैजाबाद व गोण्डा है तो वाराणसी के प्रबंधक के जिम्मे इलाहाबाद, प्रतापगढ़, वाराणसी, सुल्तानपुर, गाजीपुर व बलिया तक की जिम्मेदारी है। कौन सम्पत्ति प्रबंध किस दिन किस जिले के कार्यालय में बैठेंगे कुछ पता नहीं रहता। इसकी वजह से जनता भी परेशान हो रही है। इसी तरह कानपुर, आगरा, मेरठ के अधिकारियों पर भी कई कई जिलों की जिम्मेदारी है।
इंजीनियर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के अध्यक्ष ज्ञानेश्वर प्रसाद का कहना है कि परिषद की स्थिति बहुत खराब है। कर्मचारियों व इंजीनियरों की भर्ती नहीं हो रही है। ज्यादातर जिलों में काम बंद है। जनता परेशान हैं। 40 प्रतिशत कर्मचारी अधिकारी नहीं हैं। कई बार सरकार ने भर्ती का लिखित आश्वासन दिया लेकिन हुआ कुछ नहीं। 2021 में 80 प्रतिशत इंजीनियर रिटायर हो जाएंगे। अगर शासन नहीं चेता तो परिषद में ताला लग जाएगा।
पद खाली हो गए, भरे नहीं जा रहे पद
किस श्रेणी में कितने पद स्वीकृत, कितने खाली श्रेणी स्वीकृत खाली समूह क 70 17 समूह ख 226 94 समूह ग 1951 682 समूह घ 732 378
आवास विकास परिषद के करीब 40 प्रतिशत पद खाली हो गए हैं। इनकी जगह नए कर्मचारियों व अधिकारियों की भर्ती नहीं हो रही है। कर्मचारियों व अधिकारियों की कमी का असर अब यहां के कामकाज पर भी पड़ने लगा है। निर्माण व विकास के काम भी नहीं हो पा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद में अधिकारियों, इंजीनियरों व कर्मचारियों के कुल 2,979 पद स्वीकृत हैं। परिषद इन्हीं कर्मचरियों व अधिकारियों से प्रदेश के 50 से ज्यादा जिलों में काम ले रहा था। लेकिन धीरे धीरे कर्मचारी रिटायर होते गए लेकिन इनकी जगह नयी भर्ती नहीं हो पायी। अब पता चला कि लगभग 40 प्रतिशत यानी 1,170 पद खाली हो गए हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी का आलम यह है कि एक एक अधिकारी को कई कई जिले की जिम्मेदारी दी गयी है। गोरखपुर सम्पत्ति प्रबंधक के जिम्मे बस्ती, गोरखपुर, फैजाबाद व गोण्डा है तो वाराणसी के प्रबंधक के जिम्मे इलाहाबाद, प्रतापगढ़, वाराणसी, सुल्तानपुर, गाजीपुर व बलिया तक की जिम्मेदारी है। कौन सम्पत्ति प्रबंध किस दिन किस जिले के कार्यालय में बैठेंगे कुछ पता नहीं रहता। इसकी वजह से जनता भी परेशान हो रही है। इसी तरह कानपुर, आगरा, मेरठ के अधिकारियों पर भी कई कई जिलों की जिम्मेदारी है।
इंजीनियर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के अध्यक्ष ज्ञानेश्वर प्रसाद का कहना है कि परिषद की स्थिति बहुत खराब है। कर्मचारियों व इंजीनियरों की भर्ती नहीं हो रही है। ज्यादातर जिलों में काम बंद है। जनता परेशान हैं। 40 प्रतिशत कर्मचारी अधिकारी नहीं हैं। कई बार सरकार ने भर्ती का लिखित आश्वासन दिया लेकिन हुआ कुछ नहीं। 2021 में 80 प्रतिशत इंजीनियर रिटायर हो जाएंगे। अगर शासन नहीं चेता तो परिषद में ताला लग जाएगा।
पद खाली हो गए, भरे नहीं जा रहे पद
किस श्रेणी में कितने पद स्वीकृत, कितने खाली श्रेणी स्वीकृत खाली समूह क 70 17 समूह ख 226 94 समूह ग 1951 682 समूह घ 732 378